26 February 2020

माता सीता की जन्मगाथा का दृष्टान्त रूप में मार्मिक चित्रांकन


रिपोर्ट:कुमकुम

अयोध्या। डॉ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के दृश्य कला विभाग एवं अर्थशास्त्र एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के संयुक्त तत्वाधान में चल रही 21 दिवसीय राष्ट्रीय भित्ति चित्रण कार्यशाला में छात्र-छात्राओं के उत्साह को देखते हुए बढ़ाकर 30 दिन का कर दिया गया है। इसके अंतर्गत प्रतिभागी छात्र-छात्राओं ने माता सीता के जन्म की गाथा को एक दृष्टान्त के रूप में भित्ति पर बहुत ही मार्मिक भावों के साथ चित्रांकित किया गया। 
कार्यशाला की निर्देशक सहायक आचार्य पल्लवी सोनी ने बताया कि 
श्रीराम शोध पीठ की भव्यता श्रीराम जी के साथ उनकी अर्धांगिनी माता 
सीता जिन्होंने श्रीराम जी का हर परिस्थिति में साहस के साथ सहयोग किया, उनकी राम जी के प्रति उनके अगाद्य प्रेम को विभिन्न चित्रण शैलियों के माध्यम से भित्तियों पर छा़त्र-छात्राओं प्रेमलता, श्वेता, साक्षी, अमित, विनोद, त्रयम्बकेश्वर, कविता, प्रीति, शिवम, आकृति आदि के द्वारा चित्रित किया गया। डाॅ0 सोनी ने बताया कि कार्यशाला की संयोजिका सहायक आचार्य डाॅ0 सरिता द्विवेदी ने माता सीता पर आधारित भित्ति चित्रों में रेखांकित की गयी आकृतियों में भावाभिव्यक्ति की तकनीकों से 
छात्र-छात्राओं को अवगत कराया। कार्यशाला की आयोजन सचिव विभाग की सहायक आचार्य रीमा सिंह ने जनक जी को भूसुता के रूप में प्राप्त सीता, जिनके जन्म से जनकपुर राज्य मे आई हरियाली को भित्ति चित्रण तकनीक द्वारा चित्रित करवाते हुए यह उद्देश्य दृष्टान्त किया कि जिस प्रकार माता सीता के जन्म से बंजर भूमि में हरियाली आ गयी, उसी प्रकार इस चित्र से श्रीराम शोध 
पीठ एवं अवध विश्वविद्यालय में शिक्षा के क्षेत्र में विकास और प्रगति की हरियाली अवश्य आएगी। 
कार्यशाला के दौरान समन्वयक दृश्य कला विभाग प्रो0 विनोद कुमार श्रीवास्तव, प्रो0 आशुतोष सिन्हा, प्रो0 एन0 के0 तिवारी, डाॅ0 प्रदीप कुमार त्रिपाठी, डा0 अलका श्रीवास्तव, विजय कुमार शुक्ला, हीरा लाल यादव, शिव शंकर यादव, कल्लू प्रसाद एवं बड़ी संख्या छात्र-छा़त्राऐं उपस्थित रहें।

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