कोरोना को मात देगा मोदी का को रो ना
कोरोना वायरस (कोविड-19) पूरे विश्व में वैश्विक महामारी का रूप धारण कर चुका है। पूरे विश्व में इस वायरस की चपेट में आने से करीब 19 हजार से अधिक लोग काल के गाल में समा चुके हैं और करीब 4 लाख 28 हजार से ज्यादा लोग इसके संपर्क संक्रमण से प्रभावित है। अब इस महामारी ने हिंदुस्तान में भी दस्तक दे दी है। खतरे की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश में 21 दिनों तक लाकडाउन घोषित कर दिया। अब यह जानना भी जरूरी है कि "कोरोना कैसे लड़ेगा को रो ना" और 21 दिनों का ही लाकडाउन क्यों?
दरअसल कोरोना वायरस (कोविड-19) के बढ़ते प्रभाव की देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिन यानी 14 अप्रैल तक देश भर में लॉकडाउन घोषित कर दिया। सभी प्रदेश और फिर सभी जिलों की सीमाएं शील कर दी गयी। आवश्यक वस्तुओं को छोड़कर बाकी किसी तरह के आवाजाही को प्रतिबंधित कर दिया गया। जिसको लेकर आम जनमानस को मुश्किलों का भी सामना करना पड़ रहा है, लेकिन यह बात भी सोलह आने सच है कि "जान है तो जहान है"।
एक्सपर्टों की मानें तो कोरोना वायरस (कोविड-19) के कमन्युटी ट्रांसमिशन को रोकने के लिए कम से कम 21 दिन जरूरी है, माना जा रहा है कि 21 दिन में कोरोना की चैन टूट जाएगी। दरअसल कोरोना वायरस को पूरी तरह से खत्म करने और खतरनाक स्टेज तक पहुचने से रोकने से ज्यादा जरूरी है कि उसका क्रम तोड़ा जाय। जिसके लिए कम से कम 21 दिन की सोशल डिस्टेंस जरूरी है और यही सोशल डिस्टेंस बनाये रखने के लिए 21 दिनों तक सभी को अपने घरों में रहना पड़ेगा और यही कारण है कि कोरोना के संक्रमण को तीसरे और चौथे स्टेज पर पहुचने के लिए 21 दिन का लाकडाऊन घोषित किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने उद्बोधन में कहा कि आने वाले 21 दिन बहुत ही महत्वपूर्ण है। आने वाले 21 दिन हर नागरिक हर परिवार के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। मेडिकल एक्सपर्ट की माने तो कोरोना वायरस के संक्रमण साइकिल को तोड़ने के लिए कम से कम 21 दिन का समय बहुत अहम है। अगर यह 21 दिन नहीं समझे तो देश और आपका परिवार 21 साल पीछे चला जाएगा, साथ ही कई परिवार हमेशा हमेशा के लिए तबाह भी हो जाएंगे। इसी के साथ ही प्रधानमंत्री ने सभी देशवासियों से 21 दिनों तक घर में ही रहने की अपील की और पूरे देश में 14 अप्रैल तक लाकडाउन की घोषणा भी कर दी। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से की गई अपील "को-कोई, रो-रोड पर, ना-न निकले" फॉर्मूले पर अमल करने की बारी हम देशवासियों की है। हम सभी को चाहिए कि सरकार के सम्पूर्ण लॉकडाउन जैसे महत्वपूर्ण निर्णय का स्वागत करते हुये उसे निभायें और मानवता की मिसाल पेश करें।
रही बात लॉकडाउन चलते दुश्वारियों की तो खुद को और देश को बचाने के लिए हमें खुद भी आगे आना पड़ेगा और शासन-प्रशासन कंधे से कंधा मिलाकर चलना होगा। सरकार हमारे और आप के प्रति कितनी संवेदनशील है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि लाकडाउन के दौरान ऐसी व्यवस्था बनाई जा रही है, जिनमें आप घर से नहीं निकलेंगे, फिर भी आपके रोजमर्रा की जरूरी सामग्री आपके घर पहुंच जाएगी। इसके लिए प्रशासन की तरफ से कई टीमें लगा दी गई है। इसलिए इस लॉकडाउन से घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि सरकार का सहयोग करने का समय है।
साभार
संजीव आजाद "संजय"
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