ब्यूरो रिपोर्ट
अयोध्या। राम मंदिर निर्माण के लिए नए ट्रस्ट राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के गठन के बाद लगातार मंदिर निर्माण की तरफ कदम बढ़ने लगे है, इसी कड़ी में अब राम भक्तों को नवरात्रि में नए बुलेट प्रूफ फाइबर के मंदिर में रामलला के दर्शन हो सकते हैं। यानी जहां अभी भगवान श्रीराम विराजमान है, उसी के पास अधिग्रहित क्षेत्र में अस्थाई मंदिर में रामलला को विराजमान किया जाएगा। साथ ही श्रद्धालु उसी मार्ग से प्रवेश करेंगे और उसी मार्ग से वापस भी निकलेंगे।
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने यह साफ कर दिया है कि 24 मार्च तक गर्भगृह में विराजमान रामलला को उससे कुछ दूर शिफ्ट कर दिया जाएगा, साथ ही 25 मार्च यानि नवरात्रि के पहले दिन से भगवान श्रीराम का दर्शन नए स्थान पर होगा। ट्रस्ट के लोगों की इस बात पर सहमति बन चुकी है। यही नहीं रामलला का जो गर्भ गृह है, उसी स्थान पर निर्माण होने वाले भव्य राम मंदिर में गर्भ गृह होगा और उसी स्थान पर भगवान राम मंदिर निर्माण कार्य पूरा के बाद विराजमान होंगे। सुरक्षा की बात करें तो वर्तमान में जिस तरह दर्शन के लिए जाते समय निर्धारित प्रसाद के अलावा अन्य प्रसाद और वस्तुएं ले जाने पर प्रतिबंध है। उसी प्रकार आगे भी यही व्यवस्था लागू रहेगी ।
*रामलला के दर्शन के समय वस्तुएं है प्रतिबंधित*
रामलला के दर्शन को आने वाले भक्तों को मंदिर में कुछ वस्तुएं ले जाने पर प्रतिबंध है जैसे पान और धूम्रपान की बस्तुएं, किसी भी तरह की इलेक्ट्रानिक डिवाइस, कंघा, घड़ी, बेल्ट, मोबाइल फ़ोन, कैमरा, दवाएं आदि समान मंदिर में नही ले जा सकते। साथ ही दर्शन के दौरान श्रद्धालु प्रसाद के रूप में पारदर्शी इलाइची दाना, रुपया, पैसा और जेवर साथ ले जा सकते है।
24 मार्च तक रामलला को शिफ्ट किए जाने के पीछे दरअसल असली वजह 25 मार्च से नवरात्रि का शुरू होना है, नवरात्रि में रामलला के मंदिर में कलश स्थापना होती है, जिसके बाद 9 दिन तक विजय मंत्र का पाठ नवग्रह और अन्य देवी देवताओं की पूजा होती है और नौवें दिन भगवान राम का जन्मदिन मनाया जाता है। इसलिए नवरात्रि के दिनों में रामलला को कहीं भी अनियंत्रित शिफ्ट करना संभव नहीं है। इसीलिए रामलला के पुजारी भी कहते हैं की रामलला को हर हाल में 24 मार्च तक शिफ्ट करना होगा।
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