05 March 2020

कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करने वाली पार्टी का जनाधार खत्म होना स्वाभाविक-करन



रिपोर्ट:अंकित सेन

अयोध्या। किसी भी राजनीतिक पार्टी की सबसे मजबूत रीढ़ उसके कार्यकर्ता होते हैं यदि पार्टी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करती है तो ऐसे में पार्टी का जनाधार खत्म होना स्वाभाविक है। कुछ ऐसी ही स्थित कांग्रेस पार्टी की भी हो चुकी है। उक्त बातें कांग्रेस नेता करन त्रिपाठी ने कांग्रेस पार्टी से त्यागपत्र देते हुये कही। शहर के एक होटल में सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ कांग्रेस नेता करन त्रिपाठी ने पार्टी की प्राथमिक सदयस्ता से त्यागपत्र दे दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी में दिशाहीन नेतृत्व व गंदी राजनीति के कारण मैं आहत  महसूस कर रहा था यही कारण है कि कांग्रेस पार्टी के लिये कार्य करना अपना समय और शक्ति बर्बाद करने जैसा होगा, जनता के  हित के लिये कुछ नहीं कर सकते हैं, इसलिये अपनी कमेटी के समस्त पदाधिकारियों के साथ पार्टी से त्यागपत्र देने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने पार्टी हो रही गतिविधियों पर भी सवाल उठाते हुये कहा कि कांग्रेस पार्टी अपने वास्तविक विचारधारा से भटक चुकी है, सभी लोग नेता बनने में लगे हैं, बड़े पद पाने में लगे हैं। उन्होंने कहा कि सभी लोग सिर्फ और सिर्फ अपनी फोटो और ज्ञापन देते हुये अखबार की प्रति अपने प्रदेश और केंद्रीय नेतृत्व को भेजकर खुश करने में लगे हैं और नेतृत्व भी खुश है और ऐसे में मुझे लगता है कि कांग्रेस की नैया पूरी तरह से डूब चुकी है, जिसमें सवारी करना डूबने के समान है। कांग्रेस से त्यागपत्र देने वालों में प्रमुख रूप से प्रमिला राजपूत, आशा विश्वकर्मा, आस्था, शालिनी, शहाना बानो, महासचिव शिवम विश्वकर्मा, उपाध्यक्ष अवध किशोर तिवारी, शाहरुख काजी, अनस मुमताज,अनंतराम सिंह सचिव मो इजहार, मो शोएब, मनीष यादव,पंकज विश्वकर्मा, दिलीप जायसवाल, अवधेश कनौजिया, फराजुल हक, सिकंदर, राहुल, सुधीर यादव के साथ सैकड़ों युवाओं एवं महिलाओं के साथ सभी सदस्यों ने काँग्रेस पार्टी से पद और प्राथमिक सदस्यता से अपना त्यागपत्र दे दिया।

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