अयोध्या। प्राचीन काल से चली आ रही ऐतिहासिक हनुमानगढ़ी में रंगभरी एकादशी की परंपरा इस बार और चटक हो गई। जिसमें हाल ही में श्री राम जन्मभूमि परिसर में रामलला के भव्य मंदिर निर्माण के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय और मंदिर निर्माण के लिए बनाए गए ट्रस्ट की भूमिका को लेकर नागा साधु इस बार की रंगभरी एकादशी को और भी उत्साहित ढंग से मना रहे हैं।
नागा साधुओं का मानना है कि हनुमान जी के आराध्य मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के मंदिर निर्माण कि आहट ने रंगभरी एकादशी का उत्साह स्वाभाविक ढंग से बढ़ा दिया है। इसलिए आज अयोध्या के प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी मंदिर से आनंदित नागा साधुओं ने हनुमानगढ़ी के प्रतीक चिन्ह को लेकर और आपस में होली खेलते हुए रंगभरी एकादशी का शुभारंभ किया। ऐसी मान्यता है कि हनुमान जी स्वयं लाल रंग के हैं और उन पर कई रंगों की मालाएं चढ़ाई जाती है। हरे रंग का तुलसीदल चढाया जाता है। नागा साधुओ की रंगभरी एकादशी मैं अयोध्या के साधु-संतों सहित श्रद्धालु भी सम्मिलित होते हैं और हनुमानगढ़ी से निकलने के बाद यह 5 कोस की परिक्रमा करते हुए रास्ते में पड़ने वाले सारे मंदिरों में पूजा पाठ रंग खेलते हुए वापस लौटकर हनुमानगढ़ी में समापन करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि आज ही के दिन से अयोध्या में होली की शुरुआत मानी जाती है। संतों का कहना है कि जब से सनातन संस्कृति की उत्पत्ति हुई है धरती पर तब से हम लोग होली का पर्व मनाते आ रहे है और हम सभी लोग बसंत पंचमी से ही होली का पर्व मनाते है। महंत राजूदास ने बताया कि आज रंगभरी एकादशी है, इस अवसर पर हनुमानगढ़ी में विराजमान महाराज हनुमान जी पूजन अर्चन के बाद उनका निशान प्रतीक के रूप में निकलता है, जो अयोध्या के प्रमुख मंदिरों में जाता है, जहां पूजन-अर्चन होता और साधु संत सभी मिलकर रंगभरी एकादशी पर एक दूसरे के साथ होली खेलते है। उन्होंने बताया कि इसके बाद ढोल-नगाड़ों के साथ साधु-संत पंचकोसी परिक्रमा करते है उसके बाद सरयू तट पर पहुंचकर वहां स्नान करते है। वहीं दूसरी ओर उन्होंने कहा कि इस बार की रंगभरी एकादशी और भी उत्साहित करने वाली व महत्वपूर्ण हो गयी है कि हमारे आराध्य भगवान श्रीराम का भव्य राममंदिर अब बनने जा रहा है।
0 comments: