रिपोर्ट:पी के सोनी
बीकापुर। सीएचसी बीकापुर में अधीक्षक का कार्यभार सम्भालने के बाद अधीक्षक की कार्यशैली को लेकर तहसील के पत्रकारों में आक्रोश व्याप्त है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बीकापुर में चार्ज संभालते ही नव आगंतुक अधीक्षक विवादों के घेरे में आ गए हैं। मंगलवार सुबह खबर की जानकारी करने गए तहसील के कुछ पत्रकारों से पहली बार मिले अधीक्षक पर अमर्यादित आचरण करने का आरोप है। अस्पताल में चार्ज संभालने के साथ जिले के कुछ पत्रकारों की एक सूची अपने पास अधीक्षक द्वारा रखा है और कहते हैं कि जिनका नाम सूची में है। उन्हीं को हम खबर बताएंगे। जबकि तहसील के किसी भी पत्रकार का नाम उनके सूची में नहीं है। अधीक्षक की कार्यशैली को लेकर भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ भड़क उठा है। महासंघ के जिला अध्यक्ष बलराम तिवारी ने कहा कि पत्रकारों में भेदभाव करने वाले अधिकारी की शिकायत जिला अधिकारी सहित स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों से की जाएगी। यदि जरूरत पड़ी तो इस मामले को मुख्यमंत्री तक पहुंचाया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि शासन द्वारा प्रदेश भर में तहसील स्तर के पत्रकारों को मान्यता देने की लड़ाई शासन में चल रही है। इसी बीच नवागत सीएससी अधीक्षक की भड़काऊ कार्यशैली पत्रकार संगठनों में उबाल पैदा करने वाली है। सीएचसी अधीक्षक की इस कार्यशैली से बीकापुर तहसील क्षेत्र के पत्रकारों सहित अयोध्या जनपद के सभी पत्रकारों में जबरदस्त नाराजगी उत्पन्न हो गई है।
बताया गया कि तहसील स्तर के पत्रकारों को समाचार पत्रों द्वारा दिए गए आईडी कार्ड एवं रजिस्टर्ड पत्रकार संगठनों द्वारा आईडी कार्ड जारी हुआ है और वही कार्ड विभाग में मान्य करते हैं अधिकारी। मिल्कीपुर में तैनात रहे चिकित्सा धिकारी डा. अब्दुल खतीब अंसारी को मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा सीएचसी बीकापुर का अधीक्षक नियुक्त किया गया। लेकिन उनके तैनाती मिलने के काफी दिनों बाद चार्ज संभाला है। अंदाजा लगाया जा सकता है कि बीकापुर जैसे तहसील मुख्यालय पर एफआरयू का दर्जा प्राप्त सीएचसी बीकापुर में ऐसी मानसिकता के अधिकारी जनता का कितना भला कर पाएंगे। इस बारे में सीएमओ डा0 घनश्याम सिंह को बीकापुर अधीक्षक की नई तैनाती को लेकर सोचना होगा।
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