24 March 2020

अयोध्या मठ-मंदिर भी श्रद्धालुओं के लिये बन्द



रिपोर्ट .अंकित सेन

कोरोना वायरस के संक्रमण की आशंकाओं को देखते हुये लिया गया निर्णय

मंदिर के अंदर होता रहेगा पूजा पाठ

अयोध्या। कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिये केंद्र व प्रदेश सरकार लगातार युद्धस्तर पर अभियान चला रही है, सरकार की इस मुहिम में अब अयोध्या के साधु-संत भी जुड़ गये हैं। एक तरफ जहां श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने लोगों से चैत्र रामनवमी मेले से परहेज करने की अपील की है तो वहीं दूसरी ओर रामनगरी में श्रद्धालुओं के लिये मंदिरों का कपाट बंद होने लगा है, ताकि लोग एकत्र न सकें, जिससे वह सुरक्षित रहें। इसीक्रम में दशरथ महल मंदिर के प्रशासन ने कोरोना वायरस के संक्रमण की आशंकाओं को देखते हुये श्रद्धालुओं के लिये 2 अप्रैल तक मंदिर का कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद करने का निर्णय लिया है। दशरथ महल मंदिर के महंत ने बताया कि पूरी दुनिया में महामारी का रूप ले चुका कोरोना वायरस से लोग सुरक्षित रहे इसलिये मंदिर के कपाट को बंद करने का फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिये लोगों सावधानी बरतने की जरूरत है, इसके साथ उन्होंने लोगों से अपील की है कि लोग साफ-सफाई रखें। उन्होंने कहा लोग एक जगह एकत्र न हों क्योंकि यह वायरस एक दूसरे को छूने से तेजी से फैल रहा है, इसलिये लोग कम से कम लोगों के संपर्क में आएं। उन्होंने कहा कि रामनवमी का उत्सव रामनगरी में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता था लेकिन इस बार कोरोना वायरस को देखते हुये इस बार रामनवमी का उत्सव बड़े की साधारण तरीके से मनाया जायेगा, जिसमें केवल कुछ पुजारी ही रहेंगे। उन्होंने लोगों से अपील की है कि लोग इस बार रामनवमी अपने घरों में मनाये और सुरक्षित रहें। महंत ने कहा कि कोरोना वायरस के देश मे चल रही इस जंग में लोग सरकार का साथ व पूरी तरह से सहयोग करें ताकि कोरोना वायरस जैसी इस महामारी को हराया जा सके। तो वहीं दूसरी ओर कोरोना वायरस को लेकर अयोध्या का प्रसिद्ध सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी को भी 2 अप्रैल तक श्रद्धालुओं के लिये बन्द कर दिया गया है। इस संबंध में महंत राजूदास ने बताया कि लोगों की सुरक्षा को देखते हुये यह फैसला लिया गया है, उन्होंने कहा कि यह महामारी भीड़भाड़ में एक दूसरे के संपर्क में आने से फैल रही है, इसी को देखते हुये 2 अप्रैल तक मंदिर में श्रद्धालुओं के दर्शन-पूजन पर रोक लगाई गई है,   हालांकि अंदर पूजा पाठ चलता रहेगा।

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