प्रदेश की योगी सरकार भले ही अवैध रूप से जमीन खरीद-फरोख्त को लेकर सख्त हो और भू माफियाओं पर नकेल कसने के लगातार कर रही हैं, लेकिन कुछ आज भी भू माफिया सरकार के दावों को मुँह चिढ़ाते की नजर आ रहे हैं। कुछ ऐसा ही देखने को मिला जनपद अयोध्या के तहसील बीकापुर क्षेत्र में।
*वर्षों से लापता पिता के नाम की जमीन बेच रहा बेटा*
जी हां कुछ ऐसा ही खेल इन दिनों राम नगरी अयोध्या में देखने को मिल रहा है। अब हम आपको बताते हैं कि पूरा मामला क्या है? मामला जनपद अयोध्या की बीकापुर तहसील क्षेत्र के मजरुद्दीन पुर का है। कुछ वर्षों पहले जहां बहुरूपी और खिलावन के खेतौनी की जमीन सड़क चौड़ीकरण में समाहित कर ली गयी, हालांकि उस समय न तो उनको मुआवजा मिला और खाता धारक का नाम उसी तरह खतौनी में चलता रहा, इसी बीच एक खाताधारक बहुरूपी की मौत हो गई और दूसरा खाताधारक पतई संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गया। जिसके मौत की पुष्टि अभी तक नहीं हो पाई है।
आपको बताते हैं कि इन सब के बीच खेल क्या हुआ? खतौनी में नाम चलते रहने के कारण मृतक बहुरूपी के बेटों के नाम खेतौनी में जमीन चढ़ी, जबकि लापता खाताधारक के नाम जमीन जस की तस बनी रही और इसी जमीन को लेकर खरीद-फरोख्त में खेल भी हुआ। अब इसी खाते की जमीन को जहां अन्य खातेदारों ने बेचने के लिए भू माफिया को एग्रीमेंट कर दिया, तो इन्हीं के बीच बुद्धू पुत्र पतई ने भी अपनी जमीन का एग्रीमेंट कर दिया। जबकि मौजूदा समय में वह जमीन बुद्धू के पिता पतई के नाम है, जोकि अभी भी लापता हैं और उनके मौत की पुष्टि नहीं हो पाई है। जिसके चलते खतौनी में आज भी जमीन पतई के नाम ही दर्ज है। अब इसे भू माफिया की चालाकी कहें या फिर प्रशासन का लचर रवैया? हाल फिलहाल जो भी हो, लेकिन दोनों ही सूरत में मुख्यमंत्री के भू माफियाओं पर नकेल कसने के दावे को मुँह चिढ़ाया जा रहा है।
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