29 April 2020

विकास दर का कम होना चिन्ता का विषयः कुलपति प्रो0 अशोक


रिपोर्ट:कुमकुम

अयोध्या। डॉ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र एवं ग्रामीण विकास, दृश्य कला के संयुक्त तत्वावधान में "इम्पेक्ट आॅफ कोरोना  आॅन इंडियन इकोनाॅमी विथ रिफरेंस टूग्लोबल स्लोडाउन" विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। इस वेबिनार के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि डाॅ0 बी0आर0 अम्बेडकर विश्वविद्यालय, आगरा के कुलपति प्रो0 अशोके कुमार मित्तल ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास की दर पहले ही कम थी, इस महामारी के कारण यह विकास दर और कम होती जा रही है। जो चिन्ता का विषय है, जिससे बेरोजगारी, भुखमरी, पर्यटन, व्यापार क्षेत्र तथा अन्य क्षेत्र प्रभावित हुए हैं। जब तक इसकी वैक्सीन तैयार न हो जाये तबतक अर्थव्यवस्था में सामान्य स्थिति नही आ पायेगी।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 मनोज दीक्षित ने वैश्विक महामारी से लड़ने के भारतीय तरीकों की प्रशंसा की और साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था में लघु एवं कुटीर उधोगों के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने आह्वान किया कि प्राचीन भारतीय पद्धति जिसमें आर्युवेद, योगा, प्राकृतिक चिकित्सा के आर्थिक माडलों को अर्थशास्त्रियों द्वारा तैयार करना चाहिए जिससे देश की अर्थव्यवस्था आत्म निर्भर बने। विशिष्ट अतिथि के रूप में कुमाऊ विश्वविद्यालय नैनिताल, उत्तराखण्ड के पूर्व कुलपति प्रो0 डी0के0 नौरियाल ने बताया कि कोविड-19 का प्रभाव भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों पर पड़ रहा है। वैश्विक आर्थि क परिदृश्य में भारत को पैनी निगाह रखनी होगी। जिसके लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ानें के लिए व्यापक नीतिगत सुधार करने होगे। चीन से निकलने वाले 
निवेशक भारत में अपना विश्वास प्रकट कर सके जिससे अर्थव्यवस्था में दीर्घकालीन सुधार होगा।
बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ के पूर्व कुलपति प्रो0 एन0एम0बी0 वर्मा ने 
समष्टि अर्थशास्त्र के विभिन्न आयामों को  देखते हुए आय, रोजगार, उपभोग एवं निवेश के साथ-साथ गुणवत्ता प्रभाव का विश्लेषण किया और अगले वर्तमान वित्तीय वर्ष के अलग-अलग तिमाही में पड़ने वाले प्रभावों का भी विश्लेषण किया। मणिपुर केन्द्रीय विश्वविद्यालय, मीजोरम के पूर्व कुलपति प्रो0 ए0पी0 पाण्डेय ने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था का प्राण कृषि है। वैश्विक महामारी का सबसे कम प्रभाव इसी पर पड़ा है। कृषि से सम्बन्धित व्यवसाय को बढ़ाकर जिसमें कृषि विविधीकरण, कृषि का औषधीय महत्व को बढ़ाकर रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर भारत इस महामारी से उबरने में बहुत बड़ा योगदान कर सकता है। वेबिनार का संचालन स्थानीय आयोजन सचिव प्रो0 विनोद कुमार श्रीवास्तव एवं स्थानीय सह आयोजन सचिव प्रो0 रमापति मिश्र द्वारा किया गया। 

प्रो0 विनोद ने विभिन्न प्रदेशों से जुड़ेअतिथियों का स्वागत एवं सम्मान किया। इस अवसर पर प्रति कुलपति प्रो0 एस0एन0 शुक्ल, वेबिनार की संयोजक अर्थ शास्त्र एवं ग्रामीण विकास की प्रो0 मृदुला मिश्रा, आयोजन समिति के प्रो0 आशुतोष सिन्हा, डाॅ0 प्रिया कुमारी, डाॅ0 विजयेन्दु चतुर्वेदी, डाॅ0 सरिता द्विवेदी, पल्लवी सोनी, डाॅ0 प्रदीप त्रिपाठी, डाॅ0 अलका श्रीवास्तव, डाॅ0 सविता द्विवेदी, रीमा सिंह, सरिता सिंह एवं वेबिनार के तकनीकी सहयोग में इं0 पारितोष त्रिपाठी, इं0 रमेंश मिश्र, इं0 विनीत सिंह, इं0 अखिलेश मौर्या सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं एवं शोधार्थी आॅनलाइन जुड़े रहे।

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