गोसाईगंज। प्रधानमंत्री ने भले ही कृषि कार्य को लॉकडाउन से मुक्त रखा है, साथ ही सोशल डिस्टेन्स का पालन करते हुए कृषि कार्य करने का निर्देश दिया है, लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के भय से किसान खेतों में फसल काटने के लिए नही पहुंच रहे है। जिसका कारण है बड़े शहरों के साथ साथ गांवों में फैला कोरोना संक्रमण का भय। जिसके कारण किसानों ने अपने खेतों को राम के भरोसे छोड़ दिया है। और परिवार के साथ घरों में है। किसानों की माने तो फसलों से ज्यादा जरूरी परिवार है, जिसके लिए दिन रात खेतों में खेती कर फसल उगाते है।कोरोना को लेकर पीएम मोदी के अपील के बाद जहां पूरे अयोध्या के टाउन क्षेत्र में लॉक डाउन से सड़कों पर सन्नाटा दिखाई दे रहा है, तो वहीँ गोसाईगंज के आसपास के गांवों व किसानों में लॉक डाउन का असर रहा है। जब कि किसानों के खेतों में गेहूं की कटाई शुरू होने के कगार पर हैं।लेकिन अब खेतों के फसलों को राम के भरोसे छोड़ दिया है। क्योकि कटाई के लिए मजदूर या उससे जुड़े संसाधन उपलब्ध नही हो पा रहे है। किसानों के मुताबिक कोरोना से आज पूरा देश खतरे में है, जिसको लेकर प्रधानमंत्री के अपील का असर भी देखने को मिल रहा है।
किसान अशोक वर्मा ने बताया कि खेतों में गेंहू और गन्ने का फसल तैयार है। लेकिन कोरोना के कारण आज कटाई के लिए मजदूर नही मिल पा रहे हैं। कोई भी अपने घर से नही निकलना चाहता है। बताया कि 14 अप्रैल तक लॉक डाउन किया गया है इसलिए बचे कुछ दिन और इंतजार कर लेंगे, उसके बाद फसल की कटाई कराई जाएगी।
किसान मंगल प्रसाद यादव के मुताबिक खेतों में कटाई के लिए फसल तैयार है लेकिन कटाई के लिए न ही मजदूर मिल रहे और न ही कटाई के लिए मिलने वाले संसाधन जो कि किराए पर लाकर कटाई कराई जाती है और कहा कि अगर कटाई करेंगे तो भी उसकी सुरक्षा के लिए मिलने वाले दावा भी नही मिल रहा है। जिसके कारण बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है। जल्द ही सरकार को उपाय नही निकालेगा तो फसलें खराब ही सकती है।
0 comments: