02 April 2020

रामनवमी पर दिखा कोरोना वायरस का असर, सुनी रही गलियां सूने रहे घाट


रिपोर्ट:दृष्टांत हेम 

लॉक डाउन के चलते बेहद सादगी के साथ मनाया गया राम जन्मोत्सव

अयोध्या। रामलला के टाट से निकल कर अस्थाई राम मंदिर में विराजमान होने के बाद पहली बार जन्मोत्सव  बेहद ही सादगी से मनाया गया। ऐसा पहली बार हुआ है, जब रामनवमी पर्व पर अयोध्या की गलियां और घाट सुने रहे हों। इस पर्व पर हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती थी और सरयू स्नान के बाद प्रमुख मंदिरों के जन्मोत्सव में शामिल होकर आनंद उठाते थे। लॉकडाउन के चलते इस बार श्री राम जन्मभूमि परिसर के रामलाला विराजमान सहित अयोध्या के सभी मंदिरों और घरों में राम जन्मोत्सव सादगी से मनाया गया।

बता दें कि रामनगरी अयोध्या के इतिहास में ऐसा पहली बार देखने को मिला है जब राम नवमी के अवसर पर पूरे शहर में सन्नाटा पसरा रहा। ऐसी मान्यता है कि रामनवमी पर्व पर प्रयागराज सहित सभी तीर्थ अयोध्या पहुंचकर पावन सलिला सरयू में स्नान करते हैं, इसी मान्यता को लेकर रामनवमी पर्व पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु अयोध्या पहुंचते थे और सरयू स्नान कर राम जन्मोत्सव में शामिल हो और पुण्य के भागी बनते थे।लेकिन इस बार कोरोना वायरस और लॉकडाउन की वजह से धर्मनगरी की गलियां, मंदिर परिसर और घाटों पर सन्नाटा पसरा रहा। 

प्राचीन काल से ही चैत्र मास की नवमी तिथि पर अयोध्या में श्री राम जन्मोत्सव मनाया जाता रहा है और इस दौरान पूरी अयोध्या श्रद्धालुओं से खचाखच भरी रहती थी। श्रद्धालुओं के विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों और धार्मिक जयघोष से पूरा वातावरण राममय हो जाता था। जन्मोत्सव के दौरान मंदिरों में श्रद्धालुओं का रेला इस कदर बढ़ जाता था कि प्रशासन के लिए भीड़ नियंत्रण करना भी किसी चुनौती से कम नहीं होती थी। लेकिन इस बार दृश्य कुछ दिखा, जहां एक तरफ रामनगरी के मंदिरों में मंदिर प्रशासन और पुजारी बेहद सादगी से जन्मोत्सव मानते नजर आए, तो वही अयोध्या की गलियों में और घाटों पर सन्नाटा पसरा रहा। राम नगरी में जो प्रशासन श्रद्धालुओं के आगमन को लेकर उनकी सुरक्षा और सुविधा की व्यवस्था करता था, वही इस बार अयोध्या की सीमाओं और घाटों की निगरानी कर रहा है, जिससे एक भी श्रद्धालु अयोध्या में प्रवेश न कर पाएं। 

बताते चलें कि कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए अयोध्या के संत, धर्माचार्यों ने भी श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि वे अयोध्या न आएं और अपने घरों में ही राम जन्मोत्सव को धार्मिक रीति रिवाज से मनाये। यही वजह है कि अयोध्या दिखी और जिन घाटों और गलियों में राम भक्त खचाखच भरे रहते थे वहीं पर आज सन्नाटा पसरा हुआ था।

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