अयोध्या। डॉ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र एवं ग्रामीण विकास, दृश्य कला एवं आई0ई0टी0 संस्थान के संयुक्त संयोजन में "इम्पेक्ट आॅफ कोरोना आॅन इंडियन इकोनाॅमी विथ
रिफरेंस टू ग्लोबल स्लोडाउन" विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार को आयोजन किया गया। समापन सत्र के मुख्य अतिथि जे0एन0 विश्वविद्यालय, जयपुर के पूर्व कुलपति प्रो0 एम0एम0 गोयल ने कहा कि पोस्ट कोविड युग में आसान नींद लेने के लिए सरकार को कई ऐसे फैसले लेने होंगे, जिससे अंसतोष की स्थिति पैदा न हो। सरकार ने अर्थव्यवस्था को पुर्नजीवित करने के लिए कारपोरेट क्षेत्र के लिए जो उपाय किये है उनके साथ अन्य क्षेत्रों पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। प्रो0 गोयल ने कहा कि हमें खादी ग्रामोद्योग को बहुराष्ट्रीय निगम में परिवर्तित करना होगा जो कि भारत की जुड़वा बहने गरीबी और बेरोजगारी को पूरी तरह समाप्त करने की क्षमता रखती है।
समापन सत्र की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 मनोज दीक्षित ने कहा कि कोविड-19 से उत्पन्न अर्थव्यवस्था के संकट से निकलने के लिए माॅडल की आवश्यकता है और भारत वैश्विक स्थिति में इस अर्थव्यवस्था में अपना क्या योगदान दे सकता है इस पर विचार करने की जरूरत है। प्रो0 दीक्षित ने बताया कि लाॅकडाउन में भारतीय अर्थव्यवस्था को सुचारू से चलाने के लिए छोटे-छोटे उद्यमियों को आगे आना पड़ेगा जिससे लोगों को रोजगार उपलब्ध हो सकेगा। भारत को देश के उद्यमियों से बहुत सीआशाएं है। कुलपति ने कहा कि इस महामारी की कल्पना किसी ने नही की थी और इसका समाधान भी तत्काल रूप में नहीं है। इसलिए हमें अपने सामाजिक क्षेत्रों स्वास्थ्य एवं शिक्षा को मजबूत करना होगा। अर्थिक क्षेत्र में लघु और कुटीर उद्योगों ने बहुत से रोजगार प्रदान किये है। इसलिए हमें इन उद्योगों को तेजी से उभारना होगा।अवध विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो0 पी0के0 सिन्हा ने मनरेगा की मजदूरी बढ़ाने एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली की मात्रा बढ़ाने की बात की। गोविन्द वल्लभपंत सोशल सांइस इंस्टीट्यूट, प्रयागराग के प्रो0 के0एन0 भट्ट एवं अन्य वक्ताओं में केन्द्रीय विश्वविद्यालय, मीजोरम के पूर्व कुलपति प्रो0 ए0पी0 पाण्डेय, प्रति कुलपति प्रो0 एसएन0 शुक्ल, प्रो0 ए0वी0 तिवारी, प्रो0 बी0के0 वाजपेयी ने भारत में एफडीआई आने की बात करते
हुए विस्तृत विश्लेषण किया।
समापन सत्र के पूर्व तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया। तकनीकी सत्र में प्रो0 शक्ति कुमार जेएनयू, प्रो0 एस0एस0 यादव जयपुर, डाॅ0 रेखा जगन्नाथ, डाॅ0 विजय सिंह ने भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों की समस्या एवं उसके समाधान पर प्रकाश डाला। इस सत्र में उन सभी क्षेत्रों को
चिन्हित किया गया जिसमें अर्थव्यवस्था पर व्यापक प्रतिकुल प्रभाव पड़ने की संभावना है। इनमें पर्यटन, मनोरंजन, इलेक्ट्रानिक, रत्न आभूषण, वाहन एवं छोटे व मध्यम उद्योग के सबसे अधिक प्रभाव पड़ने की संभावना है।
वेबिनार का संचालन स्थानीय आयोजन सचिव प्रो0 विनोद कुमार श्रीवास्तव एवं स्थानीय सह आयोजन सचिव प्रो0 रमापति मिश्र द्वारा किया गया। आयोजन समिति के प्रो0 आशुतोष सिन्हा ने अतिथियों का स्वागत किया एवं धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर वेबिनार की संयोजक अर्थशास्त्र एवं ग्रामीण विकास की प्रो0 मृदुला मिश्रा, डाॅ0 प्रिया कुमारी, डाॅ0 सरिता द्विवेदी, पल्लवी सोनी, डाॅ0 प्रदीप त्रिपाठी, डाॅ0 अलका श्रीवास्तव, डाॅ0 सविता द्विवेदी, रीमा सिंह, सरिता सिंह एवं वेबिनार के तकनीकी सहयोग में इं0 पारितोष त्रिपाठी, इं0 रमेश मिश्र, इं0 विनीत सिंह, इं0 अखिलेश मौर्या सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं एवं शोधार्थी आॅनलाइन जुड़े रहे।
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