रिपोर्ट:कुमकुम
अयोध्या। कोरोना वायस के संक्रमण की रोकथाम के सम्बन्ध में केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा घोषित 14 अप्रैल 2020 तक लाॅकडाउन तथा इस अवधि में कार्यालय, शैक्षिक गतिविधियों एवं कोरोना से बचाव संबंधी उपायों को गतिशील बनाए जाने के उद्देश्य से डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 मनोज दीक्षित ने विश्वविद्यालय से सम्बद्ध अनुदानित महाविद्यालयों के प्राचार्यों एवं विश्वविद्यालय के अधिकारियों के साथ 3 अप्रैल 2020 को अपराहन 3 बजे वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक आहूत की।
कुलपति जी ने समस्त प्राचार्यों से उनके जनपद में कोरोना के संक्रमण के विषय में जानकारी प्राप्त की तथा उनसे इस संबंध में महाविद्यालय द्वारा जिला प्रशासन को किए जा रहे सहयोग के बारे में भी विस्तृत चर्चा की। बैठक में प्राचार्यों से अपने महाविद्यालय को मेडिकल स्टाफ व कोरोना मरीजों के लिए क्वॉरेंटाइन कक्षों को जिला प्रशासन को दिए जाने पर विचार विमर्श किया गया। प्रो0 दीक्षित ने महाविद्यालय द्वारा इस देशव्यापी आपदा की स्थिति में महाविद्यालयों द्वारा जिला प्रशासन को पूर्ण सहयोग प्रदान किए जाने की भी अपील की। उन्होंने प्राचार्यों को महाविद्यालय के पास उपलब्ध संसाधनों से मास्क, सेनेटाइजर्स व अन्य किसी भी प्रकार से सहयोग प्रदान की जाने की बात कही। जिस पर समस्त प्राचार्यो ने सहयोग प्रदान की जाने की सहमति प्रदान की। कुलपति ने महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मियों के वेतन निर्गत किये जाने के लिए निदेर्शित किया जिससे उन्हें लाॅकडाउन की स्थिति में किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।
प्रो0 दीक्षित ने महाविद्यालय के एनसीसी एवं एनएसएस के छात्र छात्रों की सूची तैयार कर उसे जिला प्रशासन के साथ साझा करने के लिए कहा जिससे आपातकाल की स्थिति में उनका सहयोग लिया जा सके। कुलपति जी द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव तथा लाॅकडाउन से संबंधित केस केंद्र सरकार राज्य सरकार तथा जिला प्रशासन द्वारा जारी किए जा रहे दिशा-निर्देशों का महाविद्यालय स्तर पर समस्त शिक्षकों कर्मचारियों छात्र-छात्राओं द्वारा कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किए जाने पर जोर दिया तथा प्राचार्य द्वारा द्वारा अपने स्तर से भी जनसामान्य को जागरूक किए जाने हेतु अपील जारी करने का भी निर्देश दिया। इस संबंध में सोशल मीडिया, समाचार पत्रों के माध्यम से की गई अपील एवं आपदा के संबंध में बचाव हेतु किए जा रहे उपायों की सूचना निर्धारित प्रारूप पर विश्वविद्यालय को उपलब्ध कराए जाने का निर्देश दिया।छात्र-छात्राओं की शैक्षिक गतिविधियों में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो इसलिए महाविद्यालय में संबंधित शिक्षकों द्वारा अपने विषय के छात्रों का ऑनलाइन पाठ्यक्रमानुसार पूर्ण कराने की दिशा में कार्य करने का निर्देश दिया। जिन महाविद्यालय में प्री-पीएचडी कोर्स वर्क संचालित किये जा रहा है उन महाविद्यालयों को निर्देशित करते हुए कहा कि संबंधित पाठ्यक्रम के शिक्षकों द्वारा विषय में पंजीकृत छात्रों का व्हाट्सएप ग्रुप तथा अन्य इलेक्ट्रॉनिक मीडियम से भी प्री पीएचडी कोर्स वर्क के सैद्धांतिक प्रश्नपत्रों की पढ़ाई पूर्ण करें। छात्र विश्वविद्यालय में उपलब्ध ई-लाइब्रेरी की सुविधा प्राप्त कर सकते है। कुलपति जी ने स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रम में कार्यरत शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के वेतन या सेवा शर्तों के मानक निर्धारित करने संबंधी शासनादेश के आदेश के अनुरूप नीति नियम पर चर्चा की। कुलपति ने प्रधानमंत्री जी द्वारा देश के नाम दिए गए संदेश के अनुरूप समस्त प्राचार्यो से अपील की कि 5 अप्रैल 2020 को रात 9 बजे 9 मिनट के लिए सभी लाइटें बंद कर दरवाजे या बालकनी पर खड़े रहकर मोमबत्ती, दिया, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाकर कोरोना संकट के अंधकार को चुनौती दे। इस कार्य में प्रतिभाग करने के बाद फोटोग्राफ ग्रुप में अपलोड करें तथा प्रधानमंत्री जी के कोरोना से लड़ाई में पूर्ण सहयोग प्रदान करें। कुलपति ने सभी प्राचार्यो को कोरोना संकट के समाप्त होने के पश्चात की तैयारियों के प्रति भी सचेत किया जिससे छात्र छात्राओं को कालेज आने से पूर्व कालेज को सैनिटाइज कराया जाना अनिवार्य होगा तथा मास्क ग्लब्स के उचित डिस्पोजल की भी व्यवस्था पर चिंतन करना होगा।
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