18 May 2020

ऑनलाइन टेक्नोलॉजी जीवन के हर क्षेत्र में इस्तेमाल किया जा रहा है-कुलपति


रिपोर्ट:कुमकुम

अयोध्या। डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय अवध विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग संस्थान के 
एम0सी0ए0 विभाग द्वारा "नेक्स्ट जेनरेशन कंप्यूटिंग सिस्टम" विषय पर इंटरनेशनल वेबीनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि इंटरनेशनल फेडरेशन यूनिवर्सिटी ऑस्ट्रेलिया के प्रति कुलपति प्रो0 तलाल यूसुफ ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रोबोटिक्स और इलेक्ट्रानिक लर्निंग को आने वाले समय का सबसे ज्यादा भरोसेमंद टेक्नोलॉजी बताया। प्रो0 यूसुफ ने बताया कि ऑनलाइन मोड में टीचिंग इस वक्त की एक बेहतर विकल्प है। इससे भविष्य में बड़े कोर्सेज में कम फीस पर भी अच्छी शिक्षा प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने कहा कि भारत के लगभग 5000 छात्र उनके यहां ऑनलाइन मोड में शिक्षा ले रहे हैं। यह विकल्प बहुत सारी इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी में पहले से ही था लेकिन कोविड-19 आने के बाद इस ऑनलाइन टीचिंग में नए-नए स्वरूपों का विकास हुआ है।

वेबिनार की अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 मनोज दीक्षित ने बताया कि ऑनलाइन 
टेक्नोलॉजी जीवन के हर क्षेत्र में अलग-अलग तरीकें से इस्तेमाल किया जा रहा है। नेक्स्ट जेनरेशन 
कंप्यूटिंग सिस्टम का हेल्थ फैमिली और समाज में अलग-अलग प्रभाव पड़ेगा। प्रो0 दीक्षित ने 
देशव्यापी लाॅकडाउन में आॅनलाइन टीचिंग मोड और क्लास रूम के बदलाव पर विस्तृत चर्चा की 
और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग की बात की। विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रति कुलपति प्रो.एस.एन. शुक्ल ने बताया कि आज हम टेक्नोलॉजी पर निर्भर होते जा रहे हैं। आने वाले समय में टेक्नोलॉजी हमारे समाज का अहम हिस्सा बन जाएगा।

वेबीनार के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए आईक्यूएसी के निदेशक प्रो0 अशोक शुक्ला ने 
कंप्यूटिंग टेक्नोलॉजी के प्रथम चरण से लेकर आज 5वीं जनरेशन में हो रहे बदलाव के बारे में 
विस्तृत जानकारी प्रदान की। संस्थान के निदेशक प्रो0 रमापति मिश्र ने बताया कि सबसे पहले कोविड-19 की जानकारी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से हुई थी इस पर विस्तृत प्रकाश डाला। तकनीकी सत्र को संबोधित करते हुए डॉ0 अंशुल वर्मा, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय ने टाॅलरेंट नेटवर्क पर विस्तृत जानकारी प्रदान की। डॉ0 करण सिंह, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली ने मल्टीकास्ट कम्युनिकेशन सिक्योरिटी विषय पर प्रकाश डाला। प्रो0 नरेंद्र कोहली एचबीटीआई कानपुर ने ब्रेन मैपिंग के बारे में बताया। डॉ0 अनुपम सिंह, यूपीईएस देहरादून ने क्लाउड कंप्यूटिंग के बारे में प्रकाश डाला। 
डॉ0 सुदीप तंनवर, निरमा यूनिवर्सिटी अहमदाबाद ने ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी एवं उनकी संभावनाओं 
के बारे में विस्तृत व्याख्यान दिया। पीयूष तिवारी इबे टेक्नोलॉजी अमेरिका ने नई कंप्यूटर लैंग्वेज 
उसके बारे में बताया। शिवम त्यागी सेंट जॉस यूनिवर्सिटी अमेरिका ने सोशल डिस्टेंसिंग को 
टेक्नोलॉजी से जोड़ने के बारे वृहद जानकारी प्रदान की। डॉ0 राकेश मिश्रा, फिरोज गांधी रायबरेली 
ने फाग कंप्यूटिंग में रिसर्च की संभावनाओं पर जोर दियाइस कार्यक्रम के सह-संयोजक राजीव कुमार ने बताया इस इंटरनेशनल वेबीनार में ऑस्ट्रेलिया, पोलैंड, अमेरिका तथा भारत के अलग-अलग राज्यों से इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स जुड़े रहे। इसमें लगभग 300 से अधिक छात्र-छात्राओं, रिसर्च स्कॉलर एवं शिक्षकगण ऑनलाइन जुड़कर कार्यक्रम को सफल बनाया।कार्यक्रम का संचालन डॉ0 विभागाध्यक्ष डाॅ0 बृजेश भारद्वाज और इंजीनियर मनीषा यादव ने किया। वेबिनार में तकनीकी सहयोग अखिलेश मौर्य, इंजीनियर रमेश मिश्र और इंजीनियर परितोष त्रिपाठी ने किया है।

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