06 May 2020

विश्व विद्यालय में आयोजित किया गया वेबिनार


रिपोर्ट:कुमकुम

अयोध्या। डॉ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के व्यवसाय प्रबंध एवं तकनीकी संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में "पोस्ट कोविड बिजनेस ऑपारच्युनिटी इन इंडिया विथ लेसन फ्रॉम 1918 पेंडमिक" विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि इग्नू के कुलपति प्रो. नागेश्वर राव ने कहा कि भारत की जनसंख्या अर्थव्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि 
ऑनलाइन पढ़ाई का स्वरुप शुरुआती दौर में है।

अविवि के कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित ने कहा कि लॉकडाउन के बाद भी कोरोना से बचाव की दिनचर्या अपनानी होगी। संयमित दिनचर्या से पोषित करते हुए आर्थिक विकास के नए स्वरुप को विकसित करना होगा। अविवि के प्रति कुलपति प्रो. एसएन शुक्ल ने कहा कि मौजूदा परिस्थिति नए अवसरों को भी जन्म देने वाली है। उन्होंने अफ्रीका में किए शू कंपनी के सर्वे का उदाहरण भी दिया।
कुमायूं विवि के पूर्व कुलपति प्रो. डीके नौरियाल ने कहा कि कोरोन, वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए चुनौती बन गई है। आइएसएम धनबाद के प्रो. प्रमोद पाठक ने कहा कि कोरोना के प्रभाव को कम करने के लिए नए बिजनेस मॉडल बनाने होंगे। वेबिनार संयोजक प्रो. अशोक शुक्ल ने कहा कि यह दौर नई अर्थव्यवस्था को जन्म देने वाला है, जिसमें आने वाले दिनों में वैश्विक रूप से भारत महत्वपूर्ण 
भूमिका निभाएगा। आइएमएस बीबीएचयू के निदेशक प्रो. सुजीत दूबे ने कहा कि ऑनलाइन व्यवस्था में मानव संसाधन का प्रयोग कम होगा और तकनीकी रूप से दक्ष लोगों की मांग बढ़ेगी। ऑनलाइन व्यवस्था में साइबर सिक्योरिटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आदि पर गहन विचार-विमर्श की आवश्यकता है। आइएमएस बीएचयू के संकायाध्यक्ष प्रो. पीएस त्रिपाठी 1918 में आई महामारी व वर्तमान के बिजनेस के स्वरुप एवं कार्यप्रणाली पर चर्चा की। पूर्वांचल विवि के प्रो. अजीत शुक्ला कहा कि लॉकडाउन नए बिजनेस मॉडल का प्रारंभिक टूल है। गोरखपुर विवि के प्रो. एके तिवारी ने कहाकि 
वर्तमान स्थिति भारतीय अर्थव्यस्था के लिए चिंताजनक है। जौनपुर विवि के प्रो.अविनाश ने कहाकि आने वाले दो वर्ष पूरे विश्व के लिए महत्वपूर्ण होंगे। जौनपुर विवि के प्रो. मनोज पांडेय ने छोटे उद्यमियों को बढ़ावा देने की वकालत की।अतिथियों का स्वागत तकनीकी संस्थान के निदेशक प्रो. रामपति मिश्र ने किया। वेबिनार में कुलानुशासक प्रो. आरएन राय, वेबिनार के सचिव प्रो. हिमांशु शेखर, डॉ. शैलेंद्र 
वर्मा, कपिलदेव चैरसिया, डॉ. एके पांडेय, विवेक उपाध्याय, रविंद्र भारद्वाज, रमेश मिश्र, पारितोष त्रिपाठी, विवेक, विनीत सिंह आदि थे।

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