अयोध्या। डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के माइक्रोबायोलाॅजी विभाग एवं तकनीकी संस्थान के संयुक्त संयोजन में "कोविड-19 महामारीः विकास एवं चिकित्सा" विषय पर एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 मनोज दीक्षित ने कहा कि कोविड-19 ने हम सभी के जीवन को प्रभावित किया है। हमारी जीवन संस्कृति एवं रहन सहन की वजह से संक्रमण अन्य देशों की तरह प्रभावित नही कर पाया है। प्राचीन परंपराओं अपनाकर इस आधुनिक बीमारी से बचा जा सकता है। कुलपति ने माइक्रोबायोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री और बायोटेक्नोलॉजी के शोध छात्र-छात्राओं से आह्वान किया कि कोविड-19 के फैलाव को रोकने के लिए रिसर्च करें ताकि इस विश्वव्यापी महामारी पर हम सभी नियंत्रण पा सके।
अवध विश्वविद्यालय माइक्रोबायोलाॅजी विभाग के एल्यूमिनी एवं डायरेक्टर सीएमबी ग्रेजुएट प्रोग्राम डिपार्टमेंट ऑफ माइक्रोबायोलॉजी एंड इम्यूनोलॉजी स्कूल ऑफ मेडिसिन यूनिवर्सिटी ऑफ नेवाडा यूएसए के डॉ0 सुभाष वर्मा ने कोविड-19 महामारी के विकास एवं चिकित्सा के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। इसी कारण यह वायरस लम्बे समय तक बने रहने की संभावना है। इस महामारी से निपटने के लिए विश्वभर के वैज्ञानिक रिसर्च कर रहे है। वैक्सीन बनने तक सभी को बचाव ही एक उपाय है।
वेबिनार में अतिथियों का स्वागत माइक्रोबायोलाॅजी के विभागाध्यक्ष प्रो0 राजीव गौड़ ने किया। संचालन माइक्रोबायोलाजी विभाग के डॉ0 शैलेंद्र कुमार एवं आईआईटी संस्थान के निदेशक प्रो0 रमापति मिश्र ने किया। माइक्रोबायोलाॅजी विभाग की डॉ0 तुहीना वर्मा ने अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस वेबीनार को इंजीनियर रमेश मिश्रा डॉ0 मणिकांत त्रिपाठी इंजीनियर परितोष त्रिपाठी डॉ0 आशुतोष त्रिपाठी अनुराग सिंह ने तकनीकी सहयोग प्रदान किया। इस अवसर पर प्रो0 नीलम पाठक, डॉ0 नीलम यादव सहित अन्य प्रतिभागी उपस्थित रहे।
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