05 June 2020

ऑनलाइन क्लास में भी निखर रहा पत्रकारिता के छात्रों का भविष्य


रिपोर्ट:अंकित सेन

लखनऊ। लॉकडाउन की वजह से जहां शिक्षक और विद्यार्थी अपने-अपने घरों में कैद हो गए वहीं इसने पढ़ाई के क्षेत्र में नए दरवाजे खोल दिए हैं। विभिन्न एप, वर्चुअल क्लासरूम, रिकार्डेड लेक्चर और ई-मेल के माध्यम से घरों में कैद हो चुके विद्यार्थियों को न सिर्फ पूरी पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है बल्कि विभिन्न असाइनमेंट के जरिए रचनात्मक गतिविधियों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। कल्याणपुर स्थित आईआईएसई ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस का फिल्म इंस्टीट्यूट ऑफ इमिट्स (फीमिट्स) विभाग इस मुहिम में पूरी तेजी के साथ पत्रकारिता के छात्रों का भविष्य निखारने में जुटा है।

विभाग ने लॉकडाउन-1 के समय ही पढ़ाई के नुकसान को देखते हुए वर्चुअल टीचिंग के जरिये कक्षाओं का संचालन शुरू कर दिया था। फीमिट्स के प्रेसीडेंट पीके सिंह का कहना है कि पढ़ाई पर ग्रहण न लगे इसलिए अलग-अलग कक्षाओं के लिए ग्रुप बनाकर पढ़ाई की शुरुआत की गई। बाद में जूम, हैंगआउट, स्काइप, व्हाट्स एप पर कॉन्फ्रेंसिंग का इस्तेमाल कर ई-कक्षाओं का संचालन सुचारू रूप से किया गया। उनका कहना है कि संस्थान में दूर-दराज के क्षेत्रों के भी कई छात्र पढ़ते हैं। कुछ शुरुआती कक्षाओं में इंटरनेट कनेक्टिविटी समेत कुछ तकनीकी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ा। इसे ध्यान में रखते हुए ई-मेल, व्हाट्स कॉलिंग और क्विक लिंक के जरिये भी छात्रों को पाठ्य सामग्री मुहैया कराई गई। उनका कहना है कि विभाग मास कम्युनिकेशन के छात्रों को इस कठिन वक्त में भी सुदृढ़ तरीके से भविष्य की प्रतियोगिताओं के लिए तैयार कर रहा है। समय रहते पढ़ाई शुरू होने से यूजी और पीजी के विभिन्न सेमेस्टर का कोर्स पूरा हो चुका है और अब रिवीजन वर्क पर फोकस है।

फीमिट्स की विभागाध्यक्ष दीक्षा मिश्रा का कहना है कि अब संस्थान की ओर से एक लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम (एलएमएस) बनाया जा रहा है। इसके तहत सभी शिक्षक और विद्यार्थियों का एकाउंट बनाया जा रहा है। विभिन्न पेपरों का यूनिट प्लान, ई-कटेंट, वीडियो लेक्चर्स आदि इस एलएमएस पर उपलब्ध होंगे। उनका कहना है कि सभी कक्षाओं में छात्रों को असाइनमेंट दिए गए हैं और उनकी पीडीएफ या स्कैन कॉपी ई-मेल से जमा की जाएगी। स्नातक और परास्नातक के विद्यार्थी प्रोजेक्ट बनाकर 10 मई तक शिक्षकों के पास भेज सकते हैं। 

फीमिट्स विभाग की इस कार्यप्रणाली में शिक्षकों डॉ. प्रेरणा त्रिपाठी, डॉ. बीजी वर्मा, डॉ. मंजू पाण्डेय, सुरेंद्र यादव, उदित नारायण, सुनीता शुक्ला, शिवांशु अग्निहोत्री और नितिन गोपाल ने प्रभावी योगदान दिया। शिक्षक कहते हैं कि वे छात्रों की सभी जिज्ञासाओं का निराकरण ग्रुप लेक्चर, ई-मेल, जूम क्लाउड मीटिंग के माध्याम से कर रहे हैं। स्टूडेंट्स भी ऑनलाइन कक्षाओं में काफी रुचि ले रहे हैं और उनकी उपस्थिति काफी अच्छी है। 

फीमिट्स के विभिन्न छात्रों आयुष, प्रतीक, व्याख्या और अमन का कहना है कि कोरोना ने विपरीत परिस्थितियों में भी हमें बेहतर काम करने की सीख दी है। वैसे भी हम पत्रकारिता के छात्र हैं और भविष्य में हमें मीडिया और विभिन्न क्षेत्रों में 'वॉरियर्स' के रूप में योगदान देना है। यह वक्त एक नसीहत है जो हमें हमेशा याद रहेगा।

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