अयोध्या। कोरोना वैश्विक महामारी को देखते हुये बंद किये गये मठ-मंदिरों के कपाट करीब ढाई महीने बाद आम श्रद्धालुओं के लिये खोल दिये गये हैं, हालांकि शासन के निर्देशानुसार मठ-मंदिरों में दर्शन के लिये आने वाले श्रद्धालुओं को मास्क पहनने व सामाजिक दूरी का पालन करना अनिवार्य होगा। कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते सभी धार्मिक स्थलों को आम श्रद्धालुओं के लिये बन्द कर दिया गया था और करीब ढाई महीने बाद अब शासन के निर्देशानुसार सभी धार्मिक स्थलों को एक बार फिर खोल दिया गया है, लंबे समय के इंतज़ार के बाद जनपद अयोध्या के हनुमानगढ़ी, कनक भवन और रामलला सहित प्रमुख मठ-मंदिरों के कपाट खुकने बाद श्रद्धालुओं ने अपने आराध्य का दर्शन पूजन किया हालांकि इस दौरान उन्हें मास्क पहनने, सामाजिक दूरी बनाए जैसी अनिवार्य नियमों का मंदिर प्रशासन की तरफ से पालन भी कराया गया।
धार्मिक स्थलों के कपाट खुलने बाद अयोध्या पहुंचे भक्तों ने दर्शन पूजा किया। मंदिर प्रशासन नें श्रद्धालुओं के लिए गाइडलाईन तय की है, जिसमें सामाजिक दूरी, मास्क और सेनिटाइजर का प्रयोग करना अनिवार्य किया गया है, साथ ही मंदिर के बाहर ही श्रद्धालुओं के सेनिटाइजेशन की भी व्यवस्था की गई है। मंदिर में एक साथ केवल साथ पांच श्रद्धालुओं को ही प्रवेश दिया जा रहा है। दर्शन के दौरान भक्तों और पुजारियों के चेहरे पर मास्क अनिवार्य किया गया है। कोरोना महामारी के दौरान मंदिरों में मिठाई व फल के प्रसाद नहीं चढ़ाए जा रहे है बल्कि भक्तों को प्रसाद के रूप में तुलसी दल और चरणामृत ही दिया जा रहा है। हनुमानगढ़ी के पुजारी राजूदास ने बताया कि शासन-प्रशासन की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का पूरी तरह से पालन कराया जा रहा है, इसके साथ ही दर्शन-पूजन के लिये आने वाले श्रद्धालुओं के बीच सामाजिक दूरी कायम रहे इसके लिये गोले भी बनवाये गये है। उन्होंने बताया कि एक बार मे केवल पांच श्रद्धलुओं को ही बारी-बारी से दर्शन-पूजन कराया जा रहा है।
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