अयोध्या। डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय क्षेत्रीय केंद्र लखनऊ के संयुक्त संयोजन में "आईसीटी लर्निंग एंड कंटेंट डेवलपमेंट" विषय पर सात दिवसीय फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के छठवें दिन मुख्य वक्ता एमएलएसयू यूनिवर्सिटी उदयपुर आइक्यूएसी के निदेशक डॉ0 करूणेश सक्सेना ने प्रतिभागियों को अनरेवलिंग द मिस्ट्री ऑफ मूक्स एंड मूडल्स विषय पर प्रकाश डालते हुए बताया कि आज की टीचिंग में तकनीकी तौर पर कई बदलाव आए हैं। पहले ब्लैकबोर्ड के माध्यम से टीचिंग का कार्य किया जाता था। लेकिन इस महामारी के कारण उत्पन्न हुई विषम परिस्थिति ने शिक्षकों को अपनी टीचिंग में बदलाव लाने के लिए विवश कर दिया है। आज आईसीटी लर्निंग सभी के लिए आवश्यक हो गयी है। इसका उपयोग शिक्षक एवं छात्र-छात्राओं को बराबर करना चाहिए। डाॅ0 सक्सेना ने शिक्षकों को फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम की उपयोगिता को बताते हुए कहा कि यह कार्यक्रम शिक्षकों के शैक्षिक गतिविधियों में सहायक होगा एवं अपने एकेडमिक परफाॅरर्मेंस में बढ़ोत्तरी कर सकते है।
अन्य वक्ता बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी भोपाल के प्रो0 कुमारेश स्कंदन कश्यप ने कंटेंट में एथिक्स का क्या महत्व है? इसकी उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए प्रतिभागियों को बताया कि ई-कंटेंट को तैयार करने के लिए कंटेंट की सही चयन आवश्यक है। इसके नही होने से छात्रों को सही कंटेंट नही दे पायेंगे। इसलिए जरूरी है कि शिक्षक एथिक्स को ध्यान में रखते हुए ई-कंटेंट का निर्माण करे। जिससे कि वह जीवंत बन सके और छात्रों के लिए लाभकारी हो।
फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के चेयरमैन प्रो0 हिमांशु शेखर सिंह ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि दिनांक 26 जुलाई 2020 को सात दिवसीय फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का समापन होगा। समापन सत्र में मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार की श्रीमती नीलिमा कटियार होगी। मुख्य वक्ता के रूप में प्रो0 रामपल्ली सत्यनारायण रहेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 मनोज दीक्षित करेंगे। समापन सत्र के प्रारम्भ में प्रतिभागियों से 30 मिनट का एक टेक्निकल टेस्ट लिया जायेगा। उसके उपरांत सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा।
कार्यक्रम का संचालन विश्वविद्यालय आईक्यूएसी के निदेशक डॉ0 नरेश चैधरी ने किया। कार्यक्रम के संयोजक राजीव कुमार ने तकनीकी सहयोग प्रदान किया। इस अवसर पर इग्नू की क्षेत्रीय निदेशक डाॅ0 मनोरमा सिंह, संयोजक डॉ0 गीतिका श्रीवास्तव, इग्नू के सहायक निदेशक डाॅ0 कीर्ति विक्रम सिंह सहित बड़ी संख्या में प्रतिभागी आॅनलाइन जुड़े रहे।
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