ब्यूरो रिपोर्ट
ब्यूरो कार्यालय। अयोध्या: लोग अपना बेशकीमती वोट देकर जनप्रतिनिधि चुनते हैं कि उनके जीवन की बुनियादी जरूरतों में वह सहायक सिद्ध हो किंतु लेकिन जब रक्षक ही भक्षक बन जाए तो अल्लाह ही खैर करें। वाकिया बीकापुर तहसील के कोछा गांव का है। यहां के प्रधान मोहम्मद मुस्लिम शेख यूं तो काफी लोकप्रिय माने जाते हैं और गरीबों के मसीहा में शुमार हैं, लेकिन एक ऐसी घटना जिसने समूह से कोछा गांव के लोगों को अचंभित कर दिया। गांव की शकीला बानो पत्नी मोहम्मद रजा ने भी गरीबों के लिए मिलने वाली सरकारी आवास सरकारी आवास का सपना संजोया था, लेकिन जब अरसा बीत जाने के बाद भी गरीबों की फेहरिस्त में उसका नाम नहीं आया तो मजबूरन वृद्धा शकीला ग्राम प्रधान मोहम्मद मुस्लिम शेख के पास सरकारी घर पाने की गरज से गिड़गिड़ाने पहुंच गई । लेकिन ग्राम प्रधान ने गरीब शकीला को सरकारी घर का वादा तो किया लेकिन बदले में प्रधान प्रधान ने जो कुछ किया उसको जानने के बाद अब शकीला के पैरों तले जमीन खिसक गई। बकौल शकीला 1 वर्ष पूर्व जब वह प्रधान के पास सरकारी मकान की अर्जी लेकर गई तो प्रधान ने इसके लिए उसे तहसील चलकर हस्ताक्षर व अंगूठा की औपचारिकता पूरी करने के लिए राजी किया। शकीला की माने तो प्रधान ने किसी सरकारी दफ्तर में ले जाकर उसकी मात्र 1 बीघे जमीन को को अपने नाम बैनामा करवा लिया। 1 साल तक प्रधान की चौखट पर एड़ीया रगड़ने के बाद भी जब शकीला को आवास नहीं मिला तो उसे 1 साल पहले सरकारी दफ्तर पेपर की खिचड़ी में कुछ गंध आने लगी और जब उसने आनन-फानन में तहसील में जाकर अपनी खतौनी की तस्दीक की तो पाया कि उसका खेत मोहम्मद मुस्लिम शेख अपने नाम करवा चुके थे। उलाहना देने पर प्रधान और प्रधान पुत्र ने शकीला को बात को दबा रखने की धमकी देते हुए खामोश कर दिया। लेकिन शकीला अपने रिश्तेदारों के साथ अब न्याय के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रही है। हालांकि उसकी अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई लेकिन अपने ऊपर हुए इस ज्यादती के खिलाफ उसके हौसले बुलंद हैं। उसे विश्वास है कि उसके साथ हुई इस जालसाजी का पर्दाफाश एक ना एक दिन जरूर होकर रहेगा।
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