शाहगंज। पशुचर भूमि पर वन विभाग द्वारा वृक्षारोपण करवाए जाने को लेकर ग्रामीण उग्र हो गए हैं, ग्रामीणों ने पूर्व प्रधान की अगुवाई में वन विभाग द्वारा लगवाए जा रहे पेड़ को रोक कर अपना विरोध दर्ज कराया, वहीं मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से भी की गई है।
बीकापुर तहसील क्षेत्र के राजस्व गांव पंडरी में गाटा संख्या 18 में 2.230 हेक्टेयर जमीन राजस्व अभिलेख में पशु चर खाते में दर्ज है। जिस जमीन पर वन विभाग द्वारा पेड़ लगवाने का कार्य किया जा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि कर्मियों द्वारा पशुचर जमीन पर प्रपिश के पौधे लगाए जा रहे हैं, जिसमें काफी मात्रा में कांटे होते हैं। आबादी के निकट होने के चलते ग्रामीणों को काफी परेशानियां हो सकती हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पेड़ लग जाने से गांव में पाले गए मवेशियों को काफी परेशानी हो रही है, पेड़ लगने के बाद कोई भी जानवर चरगाह के अंदर नहीं आ जा पा रहा है। आरक्षित जमीन होने के बाद भी इसकी जानकारी उप जिलाधिकारी बीकापुर को भी नहीं दी गई और ना जमीन का सीमांकन करवाया गया, जिसके विरोध में चांदीपुर नगारा के पूर्व ग्राम प्रधान राजेश सिंह की अगुवाई में दर्जनों ग्रामीण पेड़ लगा रहे वन विभाग के कर्मियों के पास पहुंचकर पेड़ लगाने के कार्य को रुकवा दिया। वही लोगों का कहना है कि विभाग वृक्षारोपण के नाम पर सरकार को लाखों रुपए का चुना लगा रहा है, पूर्व प्रधान राजेश सिंह ने बताया कि बिना खाद के पौधे लगाए जा रहे हैं व गड्ढे भी मानक के अनुसार नहीं खोदे गए सिर्फ कागजी खानापूर्ति की जा रही है। वही बीट प्रभारी दीपक शुक्ला के अनुसार खाली जमीन पर 12000 गड्ढे खोदे गए हैं। लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि विभाग द्वारा अधिकारियों को झूठी सूचना दी जा रही है मौके पर मात्र 5 से 6000 गड्ढे ही मौजूद हैं, ग्रामीणों ने मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से कर वृक्षारोपण में हो रही भारी अनियमितता की जांच की मांग की है।
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