13 August 2020

इकोनामिक ग्रोथ में इनोवेशन की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्णः कुलपति प्रो0 रविशंकर सिंह


रिपोर्ट: कुमकुम

इनोवेशन के लिए सरकार आर्थिक रूप से सहयोग कर रही हैः कैबिनेट मंत्री सतीश महाना

विश्वविद्यालय में फ्यूचर रिस्ट्रक्चरिंग थू्र इनोवेशन विषय तीन दिवसीय कार्यशाला प्रारम्भ
अयोध्या। डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय एवं विज्ञान भारती, अवध प्रांत के संयुक्त संयोजन "फ्यूचर रिस्ट्रक्चरिंग थू्र इनोवेशन" विषय पर आज 12 अगस्त, 2020 को तीन दिवसीय वर्कशॉप का शुभारम्भ किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 रविशंकर सिंह ने कहा कि इस आपदा में संभावनाओं को तलाशने के लिए हमें असंभव में जाना होगा। तभी हम अपने मार्ग को प्रशस्त कर सकते है। किसी भी संस्था को मार्केट में बने रहने एवं इकोनामिक ग्रोथ में भागीदार बनने के लिए इनोवेशन की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण हो जाती है। आज की इस महामारी में भारत ने मेडिकल तथा दवाओं के क्षेत्र में अपने को अपग्रेड किया है। अपग्रेड के बिना इनका मार्केट में बना रहना संभव नहीं है। कुलपति प्रो0 सिंह ने बताया कि आज समाज की डिमांड इकोनामिक ग्रोथ एवं एजुकेशनल ग्रुप के साथ-साथ एनवायरमेंटल ग्रोथ भी है। कुलपति ने बताया कि मेक इन इंडिया एवं आत्मनिर्भर भारत मिशन, ऑफ गवर्नमेंट ऑफ इंडिया से प्रेरित होकर यह कार्यक्रम किया जा रहा है।
    कार्यशाला को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने देश में आत्मनिर्भरता बढ़ाने पर जोर देते हुए प्रदेश सरकार एवं केन्द्र सरकार की कई सारी योजनाओं का उल्लेख करते हुए बताया कि इस तरह के इनोवेशन के लिए सरकार आर्थिक रूप से सहायता भी प्रदान कर रही है। इस आपदा काल में आत्मनिर्भर बनकर देश को विश्वगुरू बनाने में मदद करनी चाहिए। उन्होंने प्रतिभागियों से कहा कि वे अपने विचारों को मूर्त रूप देने और स्वयं को आत्मनिर्भर बनने के साथ-साथ देश की प्रगति में सहयोग करें। कार्यक्रम में विज्ञान भारती के अखिल भारतीय संगठन सचिव जयंत सहस्त्रबुद्धे ने राष्ट्रीय स्तर पर नवाचार को बढ़ावा देने एवं उसके होने वाले दूरगामी परिणामों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि नवाचार सिर्फ शोकेस नही है बल्कि जमीनी स्तर पर भी लाभप्रद होना चाहिए।
   विशिष्ट अतिथि नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन गवर्नमेंट ऑफ इंडिया के वाइस चेयरमैन एनपी राजीव ने बताया कि किसी भी क्षेत्र में कार्य करते समय समस्यायें आती है। वही समस्यायें ही इनोवेशन की जननी है। विशेष रूप से जब आज पूरी दुनियां कोरोना जैसे वायरस का दंश झेल रही है तब हमें आगे आना होगा और देश के विकास के लिए एक नये इनोवेशन को लाना होगा। जिससे हम अपने विश्वगुरू के खिताब को फिर से प्राप्त कर सके। एडीशनल मिशन के निदेशक एनएचएम यूपी के डॉ0 हीरालाल, आईएएस ने अपने अनुभव को साझा करते हुए बताया कि किस प्रकार आवश्यकता पड़ने पर इनोवेशन से समस्याओं को दूर किया जा सकता है। भू-जल बचाओं, पेय जल बढ़ाओ योजना के द्वारा बांदा में पानी की समस्याओं का अंत हुआ और पानी का संरक्षण किया जाने लगा।
     तकनीकी सत्र को संबोधित करते हुए मिट्टीकूल के संस्थापक मंसुख भाई प्रजापति ने मिट्टी से बने इनोवेशन को सबके साथ साझा किया। मिट्टी के बर्तन, फ्रिज, तावा, प्रेसर कूकर आदि का निर्माण किया जिसका प्रयोग दुनियां के कई वैज्ञानिक और डाॅक्टर भी कर रहे है। इस प्रयोग से इंसुलिन तक को भी सुरक्षित रखा जा सकता है।
      कार्यक्रम का शुभारम्भ सरस्वती एवं विश्वविद्यालय के कुलगीत से हुआ। विश्वविद्यालय प्लेसमेंट सेल की निदेशक डाॅ0 गीतिका श्रीवास्तव एवं इंजीनियर मनीषा यादव द्वारा कार्यक्रम का संचालन किया गया। कार्यक्रम में अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापन विज्ञान भारती अवध प्रांत के चीफ कोऑर्डिनेटर इनोवेशन भारत मिशन के संदीप द्विवेदी एवं विज्ञान भारती की श्रेयांश मंडोली ने किया। कार्यक्रम के आयोजक इंजीनियर राजीव कुमार ने बताया कि यह कार्यक्रम 3 दिनों तक चलेगा। इस कार्यक्रम को लेकर प्रतिभागियों में उत्साह है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में शिक्षक एवं प्रतिभागी उपस्थित रहें।

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