07 August 2020

500 सालों का बनवास हुआ समाप्त, अब टेन्ट की जगह भव्य मन्दिर में विराजमान होगें रामलला-कुलपति

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रिपोर्ट: अभिषेक तिवारी


अयोध्या।डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय स्थित श्रीराम शोधपीठ में पद्म् विभूषण जगतगुरू श्री रामभद्राचार्य महाराज, कुलाधिपति, दिव्यागजन विश्वविद्यालय, चित्रकूट का आगमन हुआ।श्रीराम शोधपीठ के मुख्य गेट पर जगतगुरू श्री रामभद्राचार्य महाराज का विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य रविशंकर सिंह द्वारा पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया।
तत्पश्चात् मुख्य अतिथि पद्म् विभूषण जगतगुरू श्री रामभद्राचार्य महाराज, विशिष्ट अतिथि महन्त श्री राजकुमार दास जी, श्री राम वल्लभा कुंज, मा0 कुलपति आचार्य रवि शंकर सिंह एवं समन्वयक प्रो0 अजय प्रताप सिंह द्वारा माॅ सरस्वती व भगवान श्रीराम के चित्र पर पुष्प आर्पित दीप प्रज्जवलन करके कार्यक्रम की शुरूआत किया गया।
इसके उपरान्त मा0 कुलपति, आचार्यरवि शंकर सिंह द्वारा मुख्य अतिथि पद्म् विभूषण जगतगुरू श्री रामभद्राचार्य महाराज, विशिष्ट अतिथि महन्त श्री राजकुमार दास जी को स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया गया और विभाग के समन्वयक, प्रो0 अजय प्रताप सिंहद्वारा मा0 कुलपति जी को स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया।
श्रीराम शोधपीठ के समन्वयक प्रो0 अजय प्रताप सिंह ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि आज श्रीराम शोधपीठ में पद्यम् विभूषण जगतगुरू श्री रामभद्राचार्य महाराज का आगमन हुआ यह हम सभी के लिए गौरव की बात है।प्रो0 सिंह ने कहा कि भगवान श्रीराम के भूमि पूजन एवं शिलान्यास से अयोध्या के तीर्थ एवं पयर्टन को बढ़ावा मिलेगा।
मुख्य अतिथि पद्म् विभूषण जगतगुरूश्री रामभद्राचार्य महाराज ने परिकल्पना करते हुए कहा कि इसी के दिन गत वर्ष को धारा 370, 35ए का समाप्त होना, महिला शासक्तीकरण के रूप में तीन तालाक, प्रधानमन्त्री गरीब अनाज योजनान्र्तगत 80 करोड़ परिवारों को मुक्त राशन, 10 करोड़ परिवारों को मुक्त शौचालय मिलना एवं भारत में 05 राफेल आना रामराज्य की शुरूआत है।जगतगुरू ने कहा कि मैनें श्रीराम के जन्मभूमि के मुकदमों के सबन्ध में जो पौराणिक तथ्यों को प्रस्तुत किया, कोर्ट ने उसका जिक्र बार-बार किया। श्री रामभद्राचार्य महाराज ने बताया कि कुलपति जी और मैंने बी0एच0यू0 से पढाई की है।जगतगुरू ने कुलपति जी को आशीर्वाद दिया और चित्रकूट आने का निमन्त्रण दिया।
कार्यक्रय की अध्यक्षता कर रहे कुलपति आचार्य रवि शंकर सिंह ने कहा कि भारत के यषस्वी प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी, राज्यपाल श्रीमती अनन्दीबेन पटेल एवं मुख्यम़न्त्री योगी आदित्यनाथ जी का भूमिपूजन एवं शिलान्यास में उपास्थित रहना अयोध्या के लिए गौरव की बात है।मा0 कुलपति ने कहा कि भगवान श्रीराम का 500 सालों का बनवास समाप्त हुआ और अब टेन्ट की जगह भव्य मन्दिर में विराजमान होगें। कुलपति ने अपने अध्यक्षयीय सम्बोधन में कहा कि डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या में श्रीराम शोधपीठ का स्थापित होना हमारे लिये गर्व की बात है और कहा कि श्रीराम शोधपीठ में भगवान श्रीराम पर शोध का कार्य अनवरत चलता रहेगा।

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