रिपोर्ट: अभिषेक तिवारी
अयोध्या।
जिले में एक ऐसा नाम उभर कर लोगों के सामने आया है जो फीस माफी अभियान चलाकर निम्न,मध्य वर्ग परिवार के लिए मसीहा बनकर उभरा है। करीब 72 विद्यालयों ने 65000 बच्चों का फीस माफी करके कोरोना कॉल में मध्य व परिवार के लोगों को बड़ी राहत प्रदान किया है। किंतु वही ऐसे भी विद्यालय हैं जो सत्ता के करीब और जिला प्रशासन के रहमों करम पर फीस माफी को लेकर अभी तक कोई रणनीति नहीं बनायी है। बल्कि बच्चों से ऑनलाइन क्लासेज के नाम पर फीस वसूली गई हैं।
फीस माफी अभियान अगुआकार प्रदेश प्रवक्ता करणी सेना भारत व समाजसेवी नवाब सिंह ने कड़ी मेहनत और विद्यालयों के प्रबंधकों से संवाद स्थापित करके निम्न व मध्यम वर्ग के परिवार के बच्चों को इस कोरोनाकाल वैश्विक महामारी में फीस माफ कराकर बड़ी राहत देने का काम किया है। समाजसेवी व करणी सेना भारत के प्रदेश प्रवक्ता नवाब सिंह बताते हैं कि 72 विद्यालयों के प्रबंधकों से संपर्क कर 65000 बच्चों का फीस माफ कराया गया है। लेकिन शहर के नामी-गिरामी विद्यालय के हम लोगों की मनमानी के चलते ऐसे विद्यालयों के बच्चों की फीस अभी तक माफ नहीं की गई है। समाजसेवी नवाब सिंह का आरोप है कि जिला प्रशासन भी उनके इस जनहित के कार्य में सहयोग नहीं कर रहा है। उन्होंने बताया कि फीस माफी अभियान को लेकर डीएम से कई बार दूरभाष पर वार्ता करने का प्रयास किया गया लेकिन उनके द्वारा वार्ता के लिए फोन रिसीव नहीं किया गया। व्यक्तिगत रूप से भी संवाद स्थापित किया गया। समाजसेवी नवाब सिंह के मुताबिक जिंगल बेल स्कूल के 2 अभिभावकों ने लिखित में शिकायत दी है। कि उनके बच्चे का नाम काट दिया गया है ऑनलाइन शिक्षा से वंचित कर दिया गया है। एप्लीकेशन दिए हुए लगभग 25 दिन हो गया अभी तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।जबकि शासन आदेश में यह साफ साफ तौर पर लिखा है कि अगर अभिभावक फीस जमा करने में असमर्थ है तो उस उस बच्चे का नाम न काटा जाए और न ही ऑनलाइन क्लासेस से वंचित किया जाए। नवाब सिंह ने कहा कि फीस माफी अभियान के प्रकरण को लेकर सोमवार दिनांक 10.8.2020 को मंडलायुक्त से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा जाएगा।
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