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रिपोर्ट: अभिषेक तिवारी
अयोध्या
श्री रामलला को लेकर बरसों से लगे प्रतिबंध अब धीरे-धीरे समाप्त किया जा रहा है। राम जन्मभूमि परिसर में विराजमान भगवान श्री रामलला के दरबार में श्रद्धालु मनचाहा प्रसाद चढ़ा सकते हैं इसके साथ ही रामलला की भव्य आरती भी राम भक्त कर सकेगा।
9 नवंबर 2019 में रामलला के पक्ष में आए फैसले के बाद गठित ट्रस्ट द्वारा मंदिर निर्माण के साथ ही है राम भक्त और भगवान के बीच वर्षों से बनी दूरियों को लगातार समाप्त किया जा रहा है। मंदिर निर्माण के लिए 25 मार्च को भगवान श्री रामलला अपने अस्थाई मंदिर में विराजमान हुए जहां भक्त रामलला को पहले से कम दूरी से ही दर्शन प्राप्त होने लगा तो वही अब मंदिर निर्माण की प्रक्रिया में 5 अगस्त को भूमि पूजन के बाद रामजन्मभूमि परिसर में भक्त रामलला को मनचाहा प्रसाद चढ़ाए जाने के साथ ही भव्य आरती में शामिल होने के लिए भी ट्रस्ट ने योजना तैयार की है जिसके तहत हर भक्त भगवान की आरती और भी कम दूरी से कर सकेगा।
रामजन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास के मुताबिक 1990 व 92 की घटना के बाद राम जन्मभूमि परिसर में भगवान श्री राम लला को प्रसाद चढ़ाए जाने पर रोक लगा दिया गया था इसके साथ ही श्रद्धालु भगवान श्री रामलला को काफी दूरी से दर्शन करने पढ़ते थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भक्त और भगवान के बीच की दूरियां लगभग समाप्त होती जा रही है जहां रामजन्मभूमि परिसर में महज कुछ दूरी से ही रामलला के दर्शन हो रहे हैं तो वहीं अब हर भक्त अपने मनचाहा प्रसाद व आरती भी कर सकता है लेकिन इसके लिए ट्रस्ट या स्थानीय प्रशासन से अनुमति लेनी होगी।
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