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रिपोर्ट: अभिषेक तिवारी
अयोध्या। भूमि पूजन के बाद राममंदिर निर्माण शुरू होने के साथ ही दान देने का भी सिलसिला तेज हो गया है। बड़ी संख्या में भक्त राममंदिर के लिए दान दे रहे हैं। राम कचहरी मंदिर स्थित रामजन्मभूमि ट्रस्ट कार्यालय में प्रतिदिन दान स्वरूप करीब तीस हजार हजार रुपये आ रहे हैं। जबकि हर सप्ताह करीब दो लाख रुपये का दान ट्रस्ट कार्यालय में जमा हो रहा है। बड़ी संख्या में चेक भी कार्यालय पहुंच रहे हैं, जिसे बैंक में जमा कराया जा रहा है।
राममंदिर ट्रस्ट कार्यालय के प्रभारी प्रकाश गुप्ता बताते हैं कि रामलला का दर्शन करने आ रहे श्रद्धालु भी राममंदिर निर्माण के लिए दान दे रहे हैं। ट्रस्ट कार्यालय में प्रतिदिन दान के रूप में करीब 30 हजार रुपये आ रहे हैं। रामलला के दर्शनार्थी 11 रुपये लेकर दो हजार तक का दान कर रहे हैं। प्रति सप्ताह करीब दो से ढाई लाख का नकद दान ट्रस्ट कार्यालय में आ रहा है।
बताया कि रामलला के प्रति आमजन की इतनी श्रद्धा है कि पांच अगस्त को भूमि पूजन के लिए तीर्थों के जल व मिट्टी का आह्वान किया गया तो अभी भी जल व मिट्टी के साथ रामशिलाओं के भेजने का क्रम जारी है। बताया गया कि डाक सेवा एवं कोरियर के माध्यम से ट्रस्ट कार्यालय एवं कारसेवकपुरम में प्रतिदिन किसी न किसी क्षेत्र से तीर्थों का जल व मिट्टी भेजी जा रही है। इसके साथ ही रामनाम लिखित कॉपियां भी भेजी जा रहीं हैं।
पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से रामजन्मभूमि में भूमि पूजन करने के बाद से मंदिर निर्माण के लिए श्रद्धालुगण अपनी-अपनी ओर से अंशदान दे रहे हैं। उप डाकघर के पोस्ट मास्टर जय प्रकाश वर्मा बताते हैं कि पिछले सोमवार तक 50-50 हजार रुपये तक की धनराशि मनीऑर्डर से आई। अब यह धनराशि दस हजार के आसपास है। वह बताते हैं कि सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु 51 रुपये से लेकर पांच सौ एक रुपये तक का दान प्रतिदिन भेजते हैं जिसे एकत्र करके रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय में रिसीव करा दिया जा रहा है।
राममंदिर का भूमि पूजन होने के बाद से ही अयोध्या में श्रद्घालुओं की भीड़ बढ़ गयी है। खासकर रामलला के दर्शन को लेकर भक्तों की व्यग्रता साफ देखी जा सकती है। तेज धूप व गर्मी के मौसम में भी रामलला के दर्शन के लिए रामभक्तों की कतार लग रही है। भक्तों में रामलला के दर्शन का उत्साह तो है ही, सबसे ज्यादा उत्सुकता राममंदिर निर्माण की तैयारी जानने की है। वे राममंदिर का निर्माण कार्य देखने को लेकर व्यग्र नजर आते हैं।
राममंदिर के ट्रस्ट कार्यालय में मौजूद विहिप के केंद्रीय मंत्री राजेंद्र सिंह पंकज कहते हैं कि कोरोना काल में भी रामलला के दर्शन की इच्छा भक्तों को अयोध्या खींच ला रही है। बताते हैं कि पीएम मोदी के हाथों राममंदिर का भूमि पूजन होने के बाद से ही रामलला के दर्शनार्थियों की संख्या बढ़ी है। प्रतिदिन करीब डेढ़ से दो हजार दर्शनार्थी कोरोना काल में भी रामलला का दर्शन कर रहे हैं। यहां आने वाले दर्शनार्थी राममंदिर निर्माण की तैयारी जानने को उत्सुक दिखते हैं।
इलाहाबाद से रामलला का दर्शन करने आए पेशे से शिक्षक धर्मवीर सिंह ने कहा कि जब से राममंदिर का भूमि पूजन हुआ है तभी से मन में रामलला के दर्शन की इच्छा हो रही थी, आज टेंट से बाहर पहली बार अस्थाई मंदिर में रामलला का दर्शन कर जीवन धन्य हो गया है। गोरखपुर निवासी रामकिशन गुप्ता सपरिवार दर्शन करने पहुंचे थे कहा कि मन में राममंदिर निर्माण की क्या तैयारी चल रही है इसकी उत्सुकता यहां खींच लाई है। यह हमारे लिए सौभाग्य का विषय है कि हम राममंदिर का निर्माण देख सकेंगे। यदि अवसर मिला तो राममंदिर निर्माण में कारसेवा भी करना चाहेंगे।
रविवार को ट्रस्ट कार्यालय पर तीर्थराज पुष्कर से 1008 मंदिरों की रज अयोध्या पहुंची है। पुष्कर के विधायक सुरेश सिंह रावत पुष्कर के मंदिरों की पवित्र रज कलश में लेकर अयोध्या पहुंचे और ट्रस्ट कार्यालय में विहिप के केंद्रीय मंत्री राजेंद्र सिंह पंकज व कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्त को सौंपा।
विधायक सुुरेश सिंह ने कहा कि उन्होंने तीर्थराज पुष्कर से रामजन्मभूमि अयोध्या मंदिर निर्माण रज यात्रा निकाली थी जो अयोध्या पहुंचकर समाप्त हुई। इस यात्रा के क्रम में पुष्कर स्थित 1008 मंदिरों का रज एकत्र किया गया।
आज इस पवित्र रज को ट्रस्ट कार्यालय में भेंट किया गया है। पुष्कर तीर्थ का अयोध्या से गहरा जुड़ाव रहा है, क्योंकि इसी तीर्थ में भगवान राम ने अपने पिता महाराज दशरथ का पिंडदान किया था।
विहिप के केंद्रीय मंत्री ने मंदिरों के रज से भरा कलश लेते हुए कहा कि प्रभु श्रीराम ने जन-जन को जोड़ा है, रामजन्मभूमि एकता, अखंडता का द्योतक है। इस रज को रामजन्मभूमि की नींव में समाहित किया जाएगा।
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