रिपोर्ट: अभिषेक तिवारी
*अमानीगंज अयोध्या*
============== खरीफ की मुख्य फसल धान में यूरिया खाद की टॉप ड्रेसिंग के लिए किसानों में हाहाकार मचा हुआ है साधन सहकारी समितियों पर यूरिया खाद के लिए किसानों का रेला इस कदर है कि समिति के कर्मियों की भी बल्ले-बल्ले हो गई है और वह भी किसानों की जेब पर सरेराह डाका डाल रहे हैं। जिसके चलते खाद के लिए परेशान किसानों को अपनी जेब ढीली करनी पड़ रही है। सुबह होते ही खाद की दुकानों एवं साधन सहकारी समितियों पर किसानों की भारी भीड़ जुट जाती है और उन्हें कोरोना महामारी का खतरा पूरी तरह भूल जाता है जिसका परिणाम है कि कोविड-19 को लेकर सोशल डिस्टेंसिंग की भी धज्जियां खुले आम और रहे हैं जिसके जिम्मेदार सीधे खाद विक्रेता और समितियों के सचिव सहित अन्य कर्मी है।
*शनिवार को क्षेत्र की सहकारी समिति मानूडीह व अमानीगंज में में यूरिया खाद के लिए सुबह से ही किसानों की भारी भीड़ जमा हो गई। प्राइवेट दुकानों के साथ-साथ समितियों पर भी अधिक मूल्य में यूरिया खाद बेंची जा रही है। सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद समितियों पर भी अधिक मूल्य पर यूरिया खाद के बेंचें जाने का मामला उजागर हुआ है। किसान खाद के लिये परेशान है। जैसे ही समितियों पर खाद के पहुँचने की सूचना लोगों को मिलती है, किसानों की भारी भीड़ जमा हो जाती है। समितियों पर भी किसानों को अधिक मूल्य पर खाद बेंची जा रही है। निर्धारित मूल्य 266.50 रुपये के बजाय किसानों से प्रति बोरी यूरिया खाद का दाम 280 से 290 रुपए तक वसूला जा रहा है। किसानों से यूरिया खाद का दाम साधन सहकारी समितियों के कर्मचारियों द्वारा अधिक वसूले जाने का वीडियो वायरल हो जाने के बाद क्षेत्रर में हड़कंप मच गया है इस संबंध में ए आर कोऑपरेटिव नेे बताया यदि समितियों के कर्मचारियों द्वारा यूरिया खाद का मूल्य अधिक लिया जा रहा है तो इसकी जांच कराकर संबंधित कर्मियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी।*
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