10 September 2020

अयोध्या साधु-संतों ने सीधे-सीधे कंगना पर कार्रवाई को सुशांत सिंह राजपूत केस से जोड़कर देख रहे हैं और महाराष्ट्र सरकार को इस्तीफा देने की मांग कर रहे हैं.

रिपोर्ट: अभिषेक तिवारी

अयोध्या. बॉलीवुड  एक्ट्रेस कंगना रानौत  के साथ महराष्ट्र में हो रही कथित बदले की कार्रवाई का विरोध अयोध्या के साधु-संत भी करते नजर आए. बीएमसी द्वारा कंगन के दफ्तर को तोड़े जाने से आक्रोशित साधु-संतों ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की तस्‍वीर जलाकर अपना विरोध जताया. इसी के साथ उन्होंने साफ कहा कि महाराष्ट्र की सरकार अब बाला साहब ठाकरे के रास्ते से भटक गई है और देश विरोधियों का संगठन बन गई है. साधु-संतों ने सीधे-सीधे कंगना पर कार्रवाई को सुशांत सिंह राजपूत केस से जोड़कर देख रहे हैं और महाराष्ट्र सरकार को इस्तीफा देने की मांग कर रहे हैं.

मातोश्री को भी गिराने की मांग

तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास ने कहा कि शिवसेना पार्टी के सांसद संजय राउत ने जिस तरह देश की बेटी कंगना रनौतको अपशब्द कहा और इसके बाद उनका दफ्तर गिराया गया वह गलत है. उन्होंने कहा कि जिस मातोश्री में उद्धव ठाकरे रहते हैं, वह मानकों के हिसाब से अवैध है. उसको भी गिराया जाना चाहिए. मुंबई में तमाम अवैध निर्माण हैं, उनको नहीं गिराया गया, लेकिन बदले की भावना से साजिश के तहत कंगना का दफ्तर दिराया गया. यह कदम कंगना द्वारा सुशांत केस के लिए सीबीआई जांच की मांग पर किया गया. उन्होंने देश हित में आवाज उठाई तो फिल्म माफिया और खान गैंग उनके विरोध में उतर आए और शिवसेना गाली गलौज करने लगी.

पोस्टर जलाकर किया शिवसेना का अंतिम संस्कार
महंत परमहंस दास ने कहा कि आज पूरे देश में आक्रोश है. हिंदू हृदय सम्राट बाला साहब ठाकरे ने शिवसेना पार्टी का गठन हिंदुत्व और भगवा की रक्षा के लिए किया था. लेकिन, अब शिवसेना पार्टी देश विरोधियों का संगठन बन गई है. इसलिए आज उद्धव ठाकरे का पोस्टर जला कर तपस्वी छावनी का आचार्य होने के नाते शिवसेना पार्टी का आज अंतिम संस्कार किया. शिवसेना पार्टी खत्म हो चुकी है. वह देश विरोधियों का संगठन बन चुकी है, जो भी देश की बेटियों का अपमान करेगा भारत की राजनीति में उसकी कोई जगह नहीं होगी. हम साधु-संत और धर्माचार्य किसी भी बहन, बेटी और नारी का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे.

इस्तीफा दे सरकार
हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने कहा कि देश के होनहार युवा सुशांत सिंह राजपूत को जिस प्रकार महाराष्ट्र सरकार के द्वारा शांत करा दिया गया. उसी प्रकार हमारी मांग है कि केंद्र सरकार महाराष्ट्र बर्खास्त कर देना चाहिए.

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