15 September 2020

राम मंदिर में लगने वाले पत्थर पर्यटकों के लिए बने कौतूहल, सेल्फी लेने की लगी होड़

रिपोर्ट: अभिषेक तिवारी



राम मंदिर निर्माण के यादों को सजोने के लिए युवा कार्यशाला में रखे पत्थरों को अपने मोबाइल में कर रहे कैद

अयोध्या : राम मंदिर निर्माण में लगने वाले पत्थर अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं व पर्यटकों के लिए कौतूहल बना हुआ है। रामजन्मभूमि परिसर में पत्थरों को ले जाने से पहले मंदिर निर्माण कार्यशाला में नक्काशी दार पत्थरों को देखने के साथ सेल्फी लेने के लिए युवाओं व पर्यटकों होड़ लगी हुई है। इन यादों को सजोने के लिए यह उपाय कर रहे हैं।

राम मंदिर निर्माण कार्य को देखने के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों से पर्यटक आ रहे हैं जहां राम जन्म भूमि में विराजमान भगवान श्री रामलला का दर्शन कर मंदिर निर्माण कार्य को देखने इच्छा को लेकर कार्यशाला भी पहुंचते हैं। वहां रखे नक्काशी दार पत्थरों को अपने मोबाइल में सेल्फी कैद कर रहे हैं। साथ ही यहां रखे पत्थरों और दूसरी तमाम चीजों के साथ सेल्फी लेते हैं, जिससे मंदिर निर्माण के बाद भी इन दिनों को याद रखा जा सके। राम मंदिर निर्माण का काम शुरू हो चुका है। मंदिर निर्माण को लेकर फाउंडेशन बनाए जाने के लिए 100 फीट गहरी नींव को भरे जाने का काम किया जा रहा है। 1200 पिलर तैयार होने के बाद मंदिर की फाउंडेशन तैयार की जाएगी, जिस पर कार्यशाला में रखे पत्थरों से मंदिर निर्माण का कार्य प्रारंभ होगा। जिसके लिए लगभग 40 प्रतिशत पत्थरों का काम पूरा कर लिया गया है और जल्द ही इन पत्थरों को राम जन्मभूमि परिसर में मंदिर निर्माण के लिए पहुंचा दिया जाएगा।

राम मंदिर निर्माण कार्य प्रारंभ होने के साथ ही दुनिया से पर्यटकों व श्रद्धालुओं आने का क्रम भी तेजी से शुरू हो गया है। बड़ी संख्या में लोग भगवान श्री रामलला के दर्शन के लिए रामजन्मभूमि परिसर पहुंच रहे हैं, लेकिन इसमें युवाओं की भागीदारी ज्यादा देखने को मिल रही है। देश के विभिन्न राज्यों व शहरों से युवाओं की टोली रामलला के दर्शन कर मंदिर निर्माण के देखने की इच्छा को लेकर अयोध्या पहुंच रही है। अयोध्या पहुंचे बाराबंकी जनपद के युवा बृजेश मौर्य ने बताया कि आज मंदिर निर्माण का कार्य प्रारंभ हो गया है इसलिए अयोध्या घूमने के लिए आए हुए हैं और यहां मंदिर निर्माण कार्यशाला में नक्काशी किए रखे हुए पत्थरों के साथ सेल्फी भी ली है। जिससे आने वाले समय में जब मंदिर का निर्माण हो जाए तो भी हम इन दिनों को याद रख सकें।

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