23 October 2020

जेन्डर समानता से ही समाज की असमानता दूर की जा सकतीः डाॅ0 अर्चना शुक्ला



रिपोर्ट:कुमकुम

अयोध्या। डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के महिला शिकायत एवं कल्याण प्रकोष्ठ के द्वारा महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा एवं सम्मान में 09 दिन तक चलने वाले मिशन शक्ति अभियान के सातवें दिन मुख्य वक्ता डाॅ0 अर्चना शुक्ला मनोविज्ञान विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय ने जेन्डर सेंसिटिव के तथ्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि आज समाज में पुरूष एवं महिलाओं में अन्तर खत्म नही हुआ है। बाल्यावस्था में जो बच्चे को बताया जाता है बच्चा उसी नजरिये से उसे देखता है। वह महिला व पुरूष में भेद करने लगता है। उन्होंने कहा कि समाज में महिलाओं के उत्थान की बात की जाती है। लेकिन ऐसा कम देखने को मिलता है। आज जरूरत है महिलाओं के उत्थान की। समाज हम और आप से मिलकर बना है इससे ऊपर उठना होगा। डाॅ0 अर्चना ने कहा कि किसी कार्य को महिला व पुरूष के आधार पर नही बाटना चाहिए। यह समाज एवं देश के लिए ठीक नही है। इससे देश के विकास में अवरोध उत्पन्न होगा। विकास का मार्ग अवरूद्ध हो जायेगा। इसलिए देश के विकास के लिए लैगिंक भेद नही होना चाहिए। सभी की भागीदारी होनी चाहिए। जेन्डर समानता से ही समाज की असमानता दूर की जा सकती है। तभी महिलाएं एवं बालिकाएं आत्म सम्मान, सुरक्षा के साथ सांस ले सकती है। उन्होंने कहा कि लैगिंक समानता के लिए न केवल पुरूषों की सोच में परिवर्तन चाहिए बल्कि महिलाओं को भी अपनी धारणाएं बदलनी होगी।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही महिला शिकायत एवं कल्याण प्रकोष्ठ की समन्वयक प्रो0 तुहिना वर्मा ने बताया कि मिशन शक्ति अभियान के तहत आज वेबिनार में महिलाओं एवं बालिकाओं को जेन्डर सेंसिटिव से विशेषज्ञ द्वारा जागरूक किया गया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 रविशंकर सिंह के दिशा-निर्देशन में अबतक कई विशेषज्ञों द्वारा उनकी सुरक्षा एवं सम्मान के लिए जागरूक किया गया हैं। प्रो0 तुहिना ने कहा कि महिलाओं को स्वयं बदलने की जरूरत है। इसके लिए स्वयं जागरूक होना होगा। जहां आत्म रक्षा एवं सम्मान की बात होगी। वहां उन्हें अपने अधिकारों को प्राप्त करना होगा। यह तभी सम्भव है जब आप आपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो। प्रदेश सरकार द्वारा इस तरह अभियान निश्चित ही महिलाओं एवं बालिकाओं के उपयोगी होगा। वेबिनार में प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। विशेषज्ञ द्वारा उनके सवालों के जवाब भी दिया गया। प्रकोष्ठ की सह समन्वयक डाॅ0 सिंधु सिंह ने कार्यक्रम का संचालन किया। सदस्य इंजीनियर मनीषा यादव तकनीकी सहयोग प्रदान किया। धन्यवाद ज्ञापन सदस्य डाॅ0 सरिता द्विवेदी ने किया। कार्यक्रम में कुलसचिव उमानाथ, सदस्य महिमा चैरसिया, नीलम मिश्रा सहित बड़ी संख्या में प्रतिभागी आॅनलाइन जुड़े रहे।


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