अयोध्या। सत्संग भजन के अलावा सिंधी भाषा, साहित्य व संस्कृति को भी बचाने की जिम्मेदारी देश के सिंधी संतो की है, इसके लिए देश के सभी सिंधी आश्रम, मठ, मंदिर व दरबारों से प्रचार प्रसार किया जाएगा व सिंधियत को जिंदा रखने के लिए व्यापक रूप से संतो द्वारा भी मुहिम चलाई जाएगी। यह बातें रामनगर कॉलोनी स्थित संत सतराम दास दरबार में चल रहे संत जन्मोत्सव के तीसरे दिन दरबार में साईं नितिन राम ने कही उन्होंने कहा कि यदि सिंधी भाषा, साहित्य, संस्कृति नहीं बची तो सिंधी समाज का वजूद समाप्त हो जाएगा जिसकी जिम्मेदारी हम सब की होगी। उन्होंने पूरे देश में चल रहे उत्तर प्रदेश सिंधी युवा समाज के प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश ओमी द्वारा सिंधियत बचाओ ऑनलाइन जागरूकता अभियान व सिंधु सेवा समिति और भक्त पहलाद सेवा समिति, भारतीय सिंधु सभा द्वारा समय-समय पर आयोजित सिंधियत के प्रचार प्रसार के लिए आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की सराहना की दरबार के प्रवक्ता ओम प्रकाश ओमीमी ने बताया कि संत जन्मोत्सव के तीसरे दिन नवल राम, पवन कुमार, कपिल कुमार और दर्शन लाल ने सिंधी भजनों को प्रस्तुत किया इस मौके पर सिंधी भजनों व गीतों पर साईं नितिन राम के संग श्रद्धालुओं ने नृत्य कर संतो की जयकार लगाई प्रवक्ता ने बताया कि इस मौके पर संत सतराम दास, संत रूणा राम, अमर शहीद संत कंवर राम, बाबा जगत राम व साईं वासदेव राम के चित्र पर माल्यार्पण कर आरती की गई इस मौके पर ओमप्रकाश केवलरामानी, राजकुमार रामानी, घनश्याम मखीजा, नकुल राम, दिलीप बजाज, सुनील मनध्यान, जयरामदास केवलरामानी, ईश्वर दास लखमानी, मुकेश रामानी, योगेश बजाज, सौरभ लखमानी, सुनील रामानी, गुड्डू केवलरामानी आदि मौजूद थे ।
15 October 2020
Author: टीम जनसंंपर्क
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