ब्यूरो रिपोर्ट
अयोध्या। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव सुमन तिवारी की अध्यक्षता में जिला कारागार (महिला बैरक) में विधिक साक्षरता शिविर व निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के समय महिला बैरक में कुल 52 महिला बन्दी व 05 बच्चे निरूद्ध पाये गये, जिनमें से 07 महिलाऐं सिद्धदोष है और 44 महिलाओं का विचारण चल रहा है व 01 विदेशी महिला बन्दी है। निरीक्षण में यह पॅूछे जाने पर कि क्या कोई महिला गर्भवती है, तब यह अवगत कराया गया कि वर्तमान समय में कोई महिला गर्भवती नहीं है। निरीक्षण में यह पाया गया कि महिला बैरक मे निरूद्ध 04 महिलाओं के के 05 बच्चे साथ में रह रहे हैं, किन्तु उनका पहचान पत्र व जन्म प्रमाण पत्र आदि नहीं बनवाया गया है। इस संबन्ध में अधीक्षक जिला कारागार को निर्देशित किया गया कि उनका पहचान पत्र व जन्म प्रमाण पत्र आदि बनवाने हेतु शीघ्र आवश्यक कार्यवाही की जाय। निरीक्षण के समय यह अवगत कराया गया कि निरूद्व महिलाओं के साथ जो रह रहे बच्चे हैं, उनके बच्चे को 500 मिली लीटर दूध एवं फल प्रतिदिन दिया जाता है। प्रत्येक माह बच्चों को टीके भी लगवायें जा रहे है, जिससे वे स्वस्थ रहें तथा उनको कोई गंभीर बीमारी न हो। जेलर द्वारा बताया गया कि महिला बन्दियों के साथ रह रहे बच्चों के लिए अलग से कोई उप जेल नही है। महिलाओं के साथ उनके बच्चों को भी रखा जाता है। महिला बन्दियों के साथ रह रहे बच्चों के विकास के लिए पूरा ध्यान रखा जाता है। महिला बैरक में शिविर का भी आयोजन किया गया। शिविर का उद्देश्य राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा महिला बन्दियों के लिए चलाये जा रहे 20 दिन के कैम्पैन के बारे में जानकारी प्रदान करना है। शिविर में जिला कारागार (महिला बैरक) में निरूद्ध महिला बन्दी श्रीमती निर्मला पत्नी राम केवल ने गाल ब्लेडर में स्टोन होना बताया जिससे वह बहुत पीड़ित रहती है। इस संबन्ध में अधीक्षक, जिला कारागार को इलाज हेतु आवश्यक पत्राचार करने हेतु निर्देश दिया गया।
महिला बन्दी श्रीमती सुभद्रा पत्नी पारस नाथ ने कमर में दर्द होने की शिकायत किया। कुछ अन्य महिलाओं ने भी दर्द होने की शिकायत किया। इसके लिए उन्हे तत्काल दर्द निवारक दवा देने हेतु निर्देशित किया गया, जिसे तत्काल दिया भी गया और समय-समय पर आवश्यकता पड़ने पर भविष्य में भी उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित किया गया। कुछ महिला बन्दियों ने ऑख से कम दिखायी देने की शिकायत किया। इस संबन्ध मे अधीक्षक जिला कारागार से सामान्य रूप से शिविर लगवा कर चेकअप कराने व उपचार कराने हेतु निर्देशित किया गया। पॅूछे जाने पर किसी महिला बन्दी ने अधिवक्ता दिलाये जाने की मांग नहीं किया। शिविर में उपस्थित महिलाओं को संविधान में उल्लिखित मौलिक कर्तव्यों की शपथ दिलायी गयी। शिविर में सी0 पी0 त्रिपाठी कारापाल, विनय प्रताप सिंह उपकारापाल, महिला वार्डेन कु0 अभिलाषा उपकारापाल तथा महिला बैरक के महिला बन्दीगण उपस्थित थे।
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