14 October 2020

संत राजू दास का अनशन समाप्त, परमहंस का जारी

ब्यूरो रिपोर्ट 

अयोध्या। रामनगरी  में अलग-अलग मुद्दों को लेकर अनशन कर रहे साधु-संतों का आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है एक तरफ जहां साधुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ अनशन कर रहे हनुमानगढ़ी के पुजारी राजूदास का अनशन तो समाप्ता हो गया लेकिन उन्होंने साधुओं की सुरक्षा के लिये विशेष ध्यान दिये जाने की बात कही है तो वहीं दूसरी ओर हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की मांग को लेकर आमरण अनशन कर रहे तपस्वी छावनी के संत परमहंस का दास का अनशन अब भी जारी है। 
संत परमहंस दास के साथ अयोध्या के संत 


हिन्दू राष्ट्र की मांग को लेकर आमरण अनशन कर रहे तपस्वी छावनी के संत परमहंस दास का अनशन आज तीसरे दिन भी जारी रहा। अनशन कर रहे परमहंस दास के स्वास्थ्य जांच करने पहुंची श्रीराम अस्पताल की टीम को पता चला कि परमहंस दास का वजन दो किलो कम हो गया है। मेडिकल टीम की माने तो परमहंस दास का वजन प्रति एक किलो कम हो रहा है, पहले उनका वजन  वजन 95.35 था, मंगलवार को 94.25 और बुधवार को 93.10 किलो रहा, जिससे अब उनकी हालत धीरे-धीरे बिगड़ रही है। आमरण अनशन कर रहे परमहंस दास का कहना है कि जब तक भारत को हिन्दू राष्ट्र नही घोषित किया जाता, तब तक उनका आमरण-अनशन अनवरत चलता रहेगा, चाहे इसके लिये उन्हें अपने प्राणों की आहूति देनी पड़े लेकिन वह पीछे नहीं हटेंगे। परमहंस दास ने कहा कि नरेंद्र मोदी बहुत अच्छे प्रधानमंत्री हैं,  उन्होंने देश के लिए अनेकों ऐतिहासिक कार्य किए हैं। उन्होंने कहा कि मुझे पीएम मोदी पर पूरा भरोसा है कि वह हिन्दुस्तान को हिन्दू राष्ट्र अवश्य घोषित करायेंगे। वहीं बड़ा भक्तमाल के वयोवृद्ध महन्त कौशल किशोर दास ने अनशन सथल पर पहुंचकर स्वामी परमहंस को आशीर्वाद दिया। इस मौके पर उत्तराखण्ड के स्वामी ओंकारानन्द सरस्वती, चारू शिला के महन्त रामटहल शरण वेदांती, विश्व हिन्दू रक्षा संगठन की राष्ट्रीय उपाध्यक्षा अर्चना हिन्दू, शिवसेना नेता सन्तोष दूबे समेत अन्य मौजूद रहे।
अनशन पर पुजारी राजू दास 

वहीं दूसरी ओर साधुओं की हत्याओं के खिलाफ आमरण अनशन कर रहे हनुमानगढ़ी पुजारी राजूदास का अनशन तीसरे दिन समाप्त हो गया। बताते चलें देश के अलग-अलग कोने में साधुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ राजूदास अनशन कर रहे थे। उनका कहना है कि चाहे वह पालघर में हुई साधुओं की हत्या का मामला हो या फिर राजस्थान में हुई साधु की हत्या का मामला हो या फिर गोण्डा में साधु पर हुये हमले का मामला हो, उनका कहना था कि जब साधु संत ही सुरक्षित नहीं रहेंगे तो आम जनता किस तरह से सुरक्षित रह सकती है। उन्होंने सरकारों से मांग की है कि चाहे जो भी सरकार हो चाहे वह भाजपा शासित राज्य हो या फिर कांग्रेस शासित सभी राज्यों में साधुओं की सुरक्षा पर ध्यान दिया जाये और ऐसा कृत्य करने वालों पर कठोरा कार्रवाई की जाये।


শেয়ার করুন

Author:

Etiam at libero iaculis, mollis justo non, blandit augue. Vestibulum sit amet sodales est, a lacinia ex. Suspendisse vel enim sagittis, volutpat sem eget, condimentum sem.

0 comments: