पटना। हिन्दू धर्म में पुरोहितों के समक्ष वैदिक मंत्रोच्चार के बीच वर-वधू को सात फेरे लेते हुये अक्सर देखा जाता है लेकिन इस बीच एक ऐसी अनोखी शादी हुई जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस अनोखी शादी में न तो कोई पुरोहित शामिल हुआ और न ही कोई मंत्रोच्चार।
मामला बिहार की राजधानी पटना से सटे दानापुर के पुनपुन हुई इस शादी में वर-वधू ने संविधान को साक्षी मानकर एक दूसरे अपना हमसफ़र बनाया। जानकारी के अनुसार पुनपुन प्रखंड के केवड़ा पंचायत के मुखिया सत्येंद्र दास की भतीजी दिव्यांग कुमकुम कुमारी व दिव्यांग रंजीत कुमार की शादी बौद्ध परम्परा के अनुसार हुई, जिसमें फुलवारी शरीफ के विधायक गोपाल रविदास ने संविधान की एक-एक प्रति दूल्हा-दुल्हन के हाथों में थमा कर शपथ दिलाई और रस्में पूरी कराईं।
इस शादी के दौरान दूल्हा-दुल्हन ने अपने परिवार, अतिथियों और गणमान्य लोगों के बीच संविधान को साक्षी मानकर एक-दूसरे के साथ जीवन बिताने का संकल्प लिया और बौद्ध परंपरा के अनुसार दोनों ने शादी रचाई। कुमकुम कुमारी और रंजीत की इस अनोखी शादी की फ़ोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर जैसे से वायरल हुई तो क्षेत्र के कौतूहल का विषय बन गई।
0 comments: