अयोध्या: समाजवादी जनता पार्टी चंद्रशेखर ने योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल के एक वर्ष पूरे होने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे तानाशाही वादाखिलाफी, सांप्रदायिक, उत्पीड़न, भेदभाव, भ्रष्टाचार एवं अराजकता का वर्ष बताया पार्टी के उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अशोक श्रीवास्तव ने कहा कि विगत एक वर्षों में तानाशाही, निरंकुशता, महंगाई, बेकारी, भ्रष्टाचार और बढ़ता जा रहा है। योगी सरकार द्वारा विधानसभा चुनाव के समय किए वायदे के खिलाफ कार्य कर रही है। ना तो महंगाई, बेकारी और भ्रष्टाचार पर काबू कर आए हैं और ना ही किसानों की आय दुगना हुई तथा आवारा पशुओं से फसल बचाने के वायदे को ही पूरा किया गया है। जिससे किसानों की हालत बद से बदतर होती जा रही है। खाद बीज सिंचाई की लागत में दिनों दिन वृद्धि हो रही है, फसल को समर्थन मूल्य पर खरीदने की व्यवस्था भ्रष्टाचार और बिचौलियों की शिकार है। डीजल और गैस के दाम बढ़ते जा रहे हैं। दूसरी तरफ व्यापारियों एवं मध्यम वर्ग सरकार के उत्पीड़न और करो के बढ़ने से परेशान हैं, बुलडोजर के भय और आतंक के शिकार माफिया और अपराधी के बजाय आम नागरिक एवं व्यापारी हो रहे हैं, विकास के नाम पर जनता का उत्पीड़न किया जा रहा है। जबकि उन्हें आश्वस्त किया गया था कि उन्हें स्थापित करने के बाद सड़कों के किनारे से हटाया जाएगा। विकास कार्यों एवं सड़क निर्माण धीमी गति से होने के कारण यातायात व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है और आम नागरिक दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। अधिकारियों द्वारा जन समस्याओं एवं उत्पीड़न की शिकायतों पर कार्रवाई करने के बजाए मुख दर्शक बने हुए हैं। सबसे दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति अयोध्या की है जहां पर निर्माणाधीन राम पथ, जन्मभूमि पथ की है। जबकि यहां लाखों की संख्या में प्रतिदिन श्रद्धालु आते हैं। एक तरफ यहां का व्यापार बुरी तरीके से प्रभावित है, वही श्रद्धालुओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। निर्माण एजेंसी संबंधित अधिकारी तथा जिला एवं पुलिस प्रशासन तीर्थ यात्रियों को सुख सुविधा उपलब्ध कराने के बजाय आवागमन एवं विश्राम स्थल की सुविधा देने में विफल साबित हो रहा है। पुलिस प्रशासन सहायता के बजाय तीर्थ यात्रियों को आने-जाने के रास्तों पर ही रोक लगा रहा था। दूसरी तरफ योगी सरकार और उसके मंत्री जनता को विकास के झूठे सपने दिखाने में व्यस्त हैं। ऐसी स्थिति में जनता को यदि इसी प्रकार वादाखिलाफी करके उत्पीड़ित किया जाएगा, तो 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में इसका खामियाजा भाजपा सरकार को भोगना पड़ेगा।
27 March 2023
Author: Unknown
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