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30 April 2023

जैनधर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव की जन्मस्थली का हो रहा सुंदरीकरण

जैनधर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव की जन्मस्थली का हो रहा सुंदरीकरण

रिपोर्ट:संजीव आजाद

अयोध्या: अयोध्या में श्री रामलला के भव्य और दिव्य मंदिर निर्माण के साथ ही जैनधर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव के जन्मस्थली पर भी भव्य मंदिर निर्माण हो रहा है। जहां भगवान ऋषभदेव की प्रतिमा की स्थापना की जाएगी और उनके 101 पुत्रों के साथ-साथ करीब 720 प्रतिमाओं और तीस चौबीस तीर्थंकर पंचकल्याणक महा मस्तकाभिषेक एवं विश्वशांति महायज्ञ किया जाएगा। जिस में शामिल होने के लिए देश के कोने-कोने से 19 प्रदेशों और 131 जिलों की जैनधर्म के अनुयाई अयोध्या पहुंच चुके हैं। 

30 अप्रैल से 7 मई तक संपन्न होगा महा पंचकल्याणक प्रतिष्ठा

बता दें कि जैन समाज की सर्वोच्च साध्वी गणिनी प्रमुख आर्यिका शिरोमणि ज्ञानमती माता के सानिध्य में आठ दिवसीय पंचकल्याणक महा मस्तकाभिषेक एवं विश्वशांति महायज्ञ का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम की जानकारी देते हुए दिगंबर जैन मंदिर के पीठाधीश जगतगुरु स्वस्ति रविन्द्रकीर्ति ने बताया कि 30 अप्रैल को गर्भाकल्याणक, 1 मई को जनकल्याणक विशाल जुलूस, 2 मई को तप कल्याणक, 3 तारीख को आचार चर्या, 4 को केवल कल्याणक, 5 मई को मोक्ष कल्याणक, 5 से 7 मई तक महा मस्तकाभिषेक का वृहद आयोजन हो रहा है। कार्यक्रम में परम पूज्य आचार्य विपुल सागर महाराज का ससंग सानिध्य एवं प्रज्ञा श्रमणी आर्यिका चंदनामती माता का मार्गदर्शन हो रहा है।
भगवान ऋषभदेव, उनके 101 पुत्रों सहित 720 प्रतिमाओं की होगी स्थापना

गणिनी प्रमुख ज्ञानमती माता ने बताया कि वर्तमान चौबीसी के 5 तीर्थकरों की जन्मभूमि अयोध्या है, जिसमें वर्तमान चौबीसी के ऋषभदेव, अजीतनाथ, अभिनंदननाथ, सुमित नाथ एवं अनंतनाथ भगवान की जन्मभूमि है। उन्होंने बताया कि 30 चौबीसी की 720 प्रतिमाएं एवं भगवान ऋषभदेव के मोक्षगामी 101 पुत्रों की प्रतिमाएं एवं भगवान भारत स्वामी की 31 फुट उत्तुंग प्रतिमा का महापंचकल्याणक संतों के सानिध्य में संपन्न किया जाएगा।

19 प्रदेशों और 131 जिलों से अयोध्या पहुँचे जैनधर्म के अनुयाई
 
कार्यक्रम के व्यवस्थापक जीवन जैन ने बताया कि भगवान चक्रवर्ती भरत जी के नाम पर ही देश का नाम भारतवर्ष पड़ा है, लेकिन कहीं भी भरत जी की कोई प्रतिमा स्थापित नहीं की गई है, इसीलिए भगवान ऋषभदेव की जन्मस्थली अयोध्या के जैन मंदिर में चक्रवर्ती भरत जी की 31 फुट ऊंची प्रतिमा स्थापित की जाएगी और भगवान ऋषभदेव, उनके मोक्षगामी 101 पुत्रों सहित कुल 720 प्रतिमाओं की पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महामस्तकाभिषेक एवं विश्व शांति महायज्ञ का आयोजन किया गया है। जिस में शामिल होने के लिए देशभर के करीब 19 प्रदेशों और 131 जिलों से श्रद्धालु गाना अयोध्या पधार चुके हैं।

28 April 2023

अधर्म पर धर्म की विजय का हुआ शंखनाद-शरद पाठक "बाबा"

अधर्म पर धर्म की विजय का हुआ शंखनाद-शरद पाठक "बाबा"

निर्दल मेयर प्रत्याशी अनीता शरद पाठक बाबा को चुनाव चिन्ह शंख मिला

अयोध्या: भाजपा से बगावत शुरू करने वाले शरद पाठक बाबा की पत्नी अनीता पाठक को हिंदुत्व का प्रतीक माना जाने वाला चुनाव निशान शंख मिला है। चुनाव निशान मिलने के बाद शरद पाठक "बाबा" ने कहा कि यह शंखनाद है, अधर्म पर धर्म की विजय का।अयोध्यावासियों के समस्याओं से मुक्ति का और अयोध्या में असली भगवा लहराने का, श्री पाठक ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को झूठा, दंगाई, जातिवादी, और विकास विरोधी पार्टी बताने वाले और हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और लोकप्रिय सांसद लल्लू सिंह जी के लिए अपमान जनक टिप्पणी करने वाले व्यक्ति को आज भाजपा के ही शीर्ष नेतृत्व ने अयोध्या महापौर (मेयर) पद पर राज्याभिषेक करने की तैयारी कर ली है, लेकिन ऐसे व्यक्ति को अयोध्यावासी और भाजपा के कार्यकर्ता अयोध्या मेयर/ महापौर के पद पर कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे। भाजपा से महापौर प्रत्याशी गिरीश पति त्रिपाठी जी को कांग्रेस की सरकार में विकास दिखाई देता है। यह बात त्रिपाठी जी स्वयं मानते हैं। एक वीडियो का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के लोगों को भ्रष्टाचारी तक बोल दिया था। यह भी कह दिया कि भाजपा की सोच विकास की नहीं है और कांग्रेस की सरकार जाने के बाद अयोध्या, उत्तर प्रदेश सब बदहाल है और आज बड़े दुख के साथ अयोध्या के भारतीय जनता पार्टी के प्रत्येक कार्यकर्ता को और संपूर्ण भारतवर्ष के भाजपा के कार्यकर्ताओं को यह सूचित करना पड़ रहा है कि अयोध्या महापौर प्रत्याशी के लिए भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को इन्हीं का नाम सुझा है, ना जाने किन कारणों के चलते इन्हें भाजपा से अयोध्या मेयर/महापौर प्रत्याशी घोषित कर दिया गया। 
बागी भाजपाई शरद पाठक बाबा ने एक कांग्रेसी विचारधारा वाले व्यक्ति को महापौर प्रत्याशी बनाए जाने के फैसले का विरोध करते हुए अपनी पत्नी अनीता शरद पाठक बाबा का नामांकन निर्दलीय कर दिया है। श्री पाठक बाबा का यह भी कहना है कि हमारी विचारधारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा है।अयोध्या में महापौर के पद के लिए भाजपा प्रत्याशी के रूप में ना ही किसी कांग्रेसी विचारधारा वाले प्रत्याशी को बर्दाश्त किया जाएगा, ना ही भाजपा के प्रत्येक कार्यकर्ताओं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का अपमान करने वाले किसी को बर्दाश्त किया जाएगा। साथ ही विभिन्न वार्डो में पार्षद प्रत्याशियों के रूप में किसी माननीय के कृपा पात्र को भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 11 मई 2023 को मतदाता अयोध्या के हित में इसका जवाब अवश्य देंगे।

बता दें कि शरद पाठक बाबा लंबे समय से हिंदू हिंदुस्तान और हिंदुत्व की लड़ाई लड़ते रहे हैं अब ऐसे में हिंदुत्व का प्रतीक शंख चुनाव निशान मिलने पर इसे राम जी की कृपा बता रहे हैं। शरद पाठक बाबा का यही भी कहना है कि चुनाव जीतने के बाद उनकी पत्नी भाजपा की ही मेयर रहेंगी।

26 April 2023

रामनगरी में होगी भगवा से भगवा की चुनावी जंग...!

रामनगरी में होगी भगवा से भगवा की चुनावी जंग...!

नगर निगम चुनाव में शुरू हुई बगावत और जंग

नगर निगम चुनाव: कमल और भगवे के बीच होगी टक्कर...!


अयोध्या: भारतीय जनता पार्टी के लिए नाक की सीट मानी जाती है, चाहे वह लोकसभा हो, विधान सभा या फिर नगर निगम। लेकिन इस बार नगर निगम के चुनाव में बगावत की जंग शुरू हो चुकी है और इस बार मेयर के चुनाव में कमल से भगवे की टक्कर मानी जा रही है। हालांकि इस जंग में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी भी पीछे नहीं है।

अब हम आपको बताते हैं कि पूरा मामला क्या है..... मेयर का टिकट न मिलने के बाद भाजपा नेता व मित्र मंच के प्रमुख शरद पाठक बाबा ने  बगावत छेड़ दी है, बाबा ने पहले तो अपनी पत्नी अनीता पाठक को मेयर के चुनाव में भाजपा के खिलाफ चुनावी मैदान में उतार कर भगवा के साथ चुनाव प्रचार करने का एलान कर दिया, इतना ही नही इसके बाद टिकट न मिलने पर भाजपा से नाराज निर्दल पार्षद प्रत्यासियों को अपने समर्थन में एक जुट करना भी शुरू कर दिया है। कई निर्दल प्रत्यासियों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर शरद पाठक बाबा ने भाजपा संगठन पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा नेताओं की उपेक्षा करते हुए एक कांग्रेसी नेता को मेयर का टिकट दिया गया है और 2017 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए महंत गिरीशपति त्रिपाठी ने कांग्रेस में रहते हुए भाजपा के शीर्ष नेताओं पर अभद्र टिप्पणी की थी। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने यह भी कहा कि हो सकता है मेरे या मेरे परिवार के खिलाफ फर्जी मुकदमे दर्ज कराए जाएं लेकिन हम इसके लिए तैयार हैं।
जानिए, कौन हैं भाजपा प्रत्याशी गिरीश पति त्रिपाठी 

गिरीश पति त्रिपाठी अयोध्या के वशिष्ठ पीठाधीश्वर तीन कलश मंदिर के महंत हैं। इनका लंबा राजनीतिक सफर रहा है, लंबे समय से कांग्रेस पार्टी से जुड़े रहते हुए जिलाध्यक्ष के तौर पर काफी काम किया है। लेकिन 2017 में कांग्रेस छोड़ बीजेपी के साथ जुड़ गए। इनकी पीठ का अयोध्या के साथ पूर्वांचल में अच्छा प्रभाव है, उससे 10 लाख से ज्यादा लोग जुड़े हुए हैं। इसके अलावा वो कथा वाचन भी करते हैं। त्रिपाठी सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय हैं, वहां पर भी उनके बड़ी संख्या में फॉलोवर्स हैं, इस बार अयोध्या नगर निगम में बीजेपी ने अपने मौजूदा मेयर ऋषिकेश उपाध्याय का टिकट काट कर उनकी जगह पर गिरीश पति त्रिपाठी को टिकट दिया है।
जानिए, कौन हैं शरद पाठक "बाबा" और अनीता पाठक

शरद पाठक "बाबा" लंबे समय से भाजपा से जुड़े रहकर हिंदुत्व से जुड़े तमाम मुद्दों को लेकर आवाज उठाते रहे हैं। अयोध्या नगर निगम चुनाव को लेकर शरद पाठक बाबा ने एक सीवी जारी की है, जिसके अनुसार धारा 370 और आर्टिकल 35A के विरोध में अयोध्या से कश्मीर के लाल चौक के लिए तिरंगा यात्रा निकाली थी।त्रेतायुग की त्रिलोदकी गंगा नदी के पुनर्जीवन के अभियान का नेतृत्व किया, जिसमें सफ़लता मिली। देश के इतिहास में पहली बार अयोध्या में मित्र मंच के तत्वावधान में वर्ष 2018 में 100 से अधिक मुस्लिमों के साथ जय श्री राम के नारों के साथ पंचकोसी परिक्रमा किया। महारानी पद्मावती व 16000 महिलाओं के जोहर दिवस को हिंदुस्तान के कई शहरों में व विश्व के कई देशों में बलिदान दिवस पर सम्मान दिवस के रुप में मनाया। श्री राम चरित्र मानस, रामायण एवं श्रीमद् भागवत गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित कराने के लिए अभियान चला रहे हैं।अयोध्या में राम पथ निर्माण चौड़ीकरण में व्यापारी भाइयों से वार्ता कर कंधे से कंधा मिलाकर चलने का वादा भी किया है। CAA के समर्थन में सम्पूर्ण अयोध्या में जन जागरुकता अभियान चलाया।

24 April 2023

शीतला प्रसाद शुक्ला को मिला निष्ठावान होने का ईनाम

शीतला प्रसाद शुक्ला को मिला निष्ठावान होने का ईनाम

भाजपा ने उन्हे कामाख्या धाम नगर पंचायत का दिया टिकट

अयोध्या। नवसृजित नगर पंचायत कामाख्या धाम में भाजपा ने अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है।वैसे तो भाजपा से टिकट लेने के लिये करीब एक दर्जन लोगों ने काफी प्रयास किया।लेकिन पार्टी ने अपने निष्ठावान और समर्पित कार्यकर्ता को ही तरजीह दी है।रविवार को भाजपा द्वारा जारी की गयी सूची में शीतला प्रसाद शुक्ला का नाम होने से भाजपा कार्यकर्ताओं ने खुशी का इजहार करते हुए उन्हे बधाई दी।शीतला प्रसाद की गिनती क्षेत्र में समर्पित भाजपा कार्यकर्ता के रुप में की जाती है।जब कभी भाजपा की हालत पतली थी तब भी उन्होने भाजपा का झन्डा मजबूती से पकड़े हुए थे।उसी का इनाम पार्टी द्वारा उन्हे दिया गया है।शीतला प्रसाद शुक्ला ने मुख्यमंत्री तथा पार्टी नेतृत्व के प्रति आभार प्रकट किया है।

20 April 2023

किसान उत्पादक संगठन से जुड़कर किसान बनेंगे आत्मनिर्भर...!

किसान उत्पादक संगठन से जुड़कर किसान बनेंगे आत्मनिर्भर...!

कृषि में सहकारिता से आएगी समृद्धि : सहायक निदेशक
अयोध्या: केंद्र सरकार ने 10,000 एफपीओ स्कीम के तहत पूरे देश में दस हज़ार  एफ़पीओ बनाने का लक्ष्‍य रखा है और इसके लिए विभिन्न सरकारी एवं ग़ैरसरकारी संगठनों द्वारा किसान उत्पादक संगठन का समवर्धन किया जा रहा है । जनपद में भी भारत सरकार के इस स्कीम के अंतर्गत सभी विकास खंड में एक एक एफ़पीओ बनाए गये हैं और जिसे राज्य एवं केंद्र के विभिन्न विभागों द्वारा सहयोग एवं मार्गदर्शन किया जा रहा है।
इसी क्रम में दो दिन के अयोध्या दौरे पर आए राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम के सहायक निदेशक संजीव मिश्रा ने बताया कि कृषि में सहकारिता से समृद्धि आएगी और किसान उत्पादक संगठन से जुड़कर किसान आत्मनिर्भर होंगे और उनकी सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति में भी बदलाव आएगा ।
संजीव मिश्रा द्वारा जनपद के ४ विकास खंड- मवई, मिल्किपुर, तारुन एवं मया बजार एफ़पीओ का निरीक्षण किया गया और एफ़पीओ के निदेशक मंडल एवं कार्यकर्ताओं को एफ़पीओ के कुशल प्रबंधन हेतु सुझाव दिया गया।
ग़ौरतलब है कि अयोध्या जनपद के ६ विकास खंड- मिल्किपुर, मया बाज़ार, तारुन, मवई और होरंटिंगंज में कौशल्या फ़ाउंडेशन द्वारा किसानों को जागरूक कर किसान उत्पादक संगठन बनाया गया है । इसके लिए संस्था को भारत सरकार की संस्था राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम और नाबार्ड के द्वारा ज़िम्मेदारी दी गयी है । किसान उत्पादक संगठन छोटे एवं सीमांत किसानों का एक व्यापारिक, व्यावसायिक एवं भारत सरकार से निबंधित संगठन है जो किसानो का, किसानो के लिये और किसानो के द्वारा चलायी जाती है।
कौशल्या फ़ाउंडेशन द्वारा प्रोत्साहित जनपद के 6 एफ़पीओ में कुल 1800 किसान जुड़े हैं। तारुन विकास खंड के एफ़पीओ को राज्य के कृषि विभाग के तरफ़ से फ़ार्म मशीनरी बैंक भी प्रदान किया गया है जिससे क्षेत्र के किसान काफ़ी लाभान्वित हो रहे हैं।
एफ़पीओ, किसान-सदस्यों द्वारा नियंत्रित स्वैच्छिक संगठन हैं, इसके सदस्य इसकी नीतियों के निर्माण और निर्णयन में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। किसान उत्पादक संगठन की सदस्यता लिंग, सामाजिक, नस्लीय, राजनीतिक या धार्मिक भेदभाव के बिना उन सभी लोगों के लिये खुली होती है जो इसकी सेवाओं का उपयोग करने में सक्षम हैं और सदस्यता की ज़िम्मेदारी को स्वीकार करने के लिये तैयार हैं। यह योजना उत्पादन, उत्पादकता, बाजार पहुंच, विविधीकरण, मूल्य वर्धित, प्रसंस्करण और निर्यात को बढ़ावा देने और किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से कृषि आधारित रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए कृषि उत्पादन समूह दृष्टिकोण पर आधारित है। 
कौशल्या फ़ाउंडेशन के मैंनेजिंग ट्रस्टी कौशलेंद्र ने बताया कि  वित्तीय लाभ और तकनीकी सहायता के लिए योजना के तहत पात्र होने के लिए FPO को कंपनी कानून, 2013 या राज्य सहकारी समिति कानून के तहत पंजीकृत होना आवश्यक है, जिसमें मैदानी क्षेत्रों में न्यूनतम 300 किसान होना आवश्यक है। इस योजना के अंतर्गत उन्हें स्थिर और आर्थिक रूप से व्यवहार्य बनाने के लिए प्रबंधन लागत के रूप में 3 साल के लिए अधिकतम 18.00 लाख रुपये प्रति FPO की वित्तीय सहायता देने का प्रावधान है। FPO के वित्तीय आधार को मजबूत करने और उन्हें प्रमाणित करने वाले मुफ्त ऋण प्राप्त करने के लिए, अधिकतम 2000 रुपये प्रति सदस्य समान हिस्‍से की आर्थिक मदद का प्रावधान है। इसमें 15 लाख रुपये प्रति FPO और क्रमशः 1.50 करोड़ रुपये की बैंक योग्य परियोजना ऋण गारंटी सुविधा है।

किसान सदस्य को लाभ :-
• किसान की आय में वृद्धि: यह किसानों के खेतों या फार्म गेट से ही उपज की बिक्री को बढ़ावा देगा जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी।
• इससे आपूर्ति शृंखला छोटी होने के परिणामस्वरूप विपणन लागत में कमी आएगी जिससे किसानों को बेहतर आय प्राप्त होगी।
• रोज़गार सृजन: यह ग्रामीण युवाओं को रोज़गार के अधिक अवसर प्रदान करेगा तथा फार्म गेट के निकट विपणन और मूल्य संवर्द्धन हेतु बुनियादी ढांँचे में अधिक निवेश को प्रोत्साहित करेगा।
• कृषि को व्यवहार्य बनाना: यह भूमि को संगठित कर खेती को अधिक व्यवहार्य बनाएगा।
• किसानों के एक मज़बूत विशाल किसान संगठन के सदस्य होंगे  
• बाज़ार अनुसंधान के अनुसार कृषि होगी 
• खेत से बाज़ार तक सहभागिता, बड़े बाज़ार तक आपके कृषि उत्पाद की पहुँच 
• उपज की ब्रांडिंग होगी 
• भारत सरकार के कृषि सम्बंधित स्कीम का लाभ मिलेगा 
• उत्पादक एवं उपभोक्ता दोनों हेतु मूल्य सुरक्षा किसान उत्पादक संगठन का उदेश्य है  
• ऑनलाइन ट्रेडिंग के माध्यम से किसान उत्पादक संगठन अपने उत्पाद को बेचेंगी 
• मार्केट लिंकेज हेतु भारत सरकार के ई-नाम पोर्टल से एफ़पीओ को जोड़ा जाएगा 
• अच्छी गुणवत्ता पूर्ण साफ़ सुथरा उत्पाद हेतु किसानों को जागरूक करेंगी 
• उचित तौल, पैकिंग, बोरा सिलाई, भंडारण, मार्केटिंग आदि सुविधा किसान सदस्य को प्राप्त होगा 
• न्यूनतम किराये पर भाड़े पर कृषि यंत्र किसान सदस्यों को उपलब्ध होगा  
• जगह जगह पर स्टॉल लगाकर किसान उत्पादक संगठन के उत्पादों को प्रोत्साहित किया जाएगा 
•  
• किसान संगठन के पास खाद बीज कीटनाशक आदि का अपना लाइसेन्स होगा 
• किसान सदस्य को सभी ख़रीद बिक्री का पक्का बिल मिलेगा 
• किसान सदस्यों के लिए समय समय पर जागरूकता शिविर लगाकर सरकारी स्कीम की जानकारी दी जाएगी और स्कीम का लाभ दिलाया जाएगा 
• मिट्टी जाँच की सुविधा प्रदान की जाएगी 
• किसान सदस्यों को वैज्ञानिकों के साथ संवाद करवाया जाएगा 
• किसान सदस्यों को नई नई तकनीकों की जानकारी दिया जाएगा और किसान के खेत पर प्रत्यक्षण किया जाएगा 
• सदस्यों के कम्पनी के फ़ायदे में हिस्सेदारी मिलती है 
• सदस्यों को उत्तम प्रशिक्षण एवं बेहतर सम्पर्क मिलता है 
• किसान उत्पादक संगठन के माध्यम से कृषि विशेषज्ञों का सलाह मिलता है 
• बाज़ार भाव की जानकारी मिलती है 
• किसान उत्पादक संगठन के सभी कार्यों का लेखा जोखा सदस्यों को वार्षिक बैठक में दिया जाता है साथ ही सदस्यों के सुझाव के अनुसार अगले वर्ष का कार्य योजना बनाया जाता है।
किसान उत्पादक संगठन के सुचारू संचालन के लिए एक मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी और एक लेखाकार नियुक्त किया जाएगा, जिसके लिए भारत सरकार किसान उत्पादक संगठन को 3 वर्ष तक वित्तीय मद्द भी प्रदान करेंगी (कार्यालय ख़र्च एवं स्टाफ़ ख़र्च के लिए 3 साल के लिए अधिकतम 18 लाख का अनुदान भारत सरकार द्वारा दिया जाएगा।
एफ़पीओ को सरकार द्वारा अधिकतम 15 लाख का मैचिंग ग्रांट मिलेगा अर्थात एफ़पीओ के किसान मिलकर जितनी पूँजी (अधिकतम 15 लाख) एफ़पीओ में जमा करेंगे उतना भारत सरकार भी एफ़पीओ को पूँजी देगी। प्रति किसान इसकी सीमा 2000 रुपए हैं।